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उमरियापान:- बेमौसम बारिश ने जहां लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।वहीं गेहूं की खेती करने वाले किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाई है। शनिवार सुबह से रुक रूककर हो रही बेमौसम बारिश दिनभर चली। बाजार में ज्यादा चहल पहल नहीं रहीं।आवागमन भी बाधित रहा। बारिश के चलते बिजली सप्लाई भी बाधित रही,तो कई जगह बिजली तार टूट कर गिर गए है। किसानों ने बताया कि बारिश से रबी फसलों को फायदा है। गेहूं के लिए अभी मौसम अच्छा है। कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई है, इससे गेहूं में सिंचाई सुविधा मिली है। जहां नवंबर में गेहूं की बुवाई थी,वहां दूसरी सिंचाई का समय है, जबकि दिसंबर मध्य तक जहां गेहूं की बुवाई हुई है, वहां पहली सिंचाई का समय है।अभी ठंड भी गेहूं फसल के अनुकूल है। बारिश से चने की फसल को भी फायदा हुआ है। लेकिन मसूर सहित अन्य दलहनी फसलों के लिए यह पानी नुकसान दायक है।
खरीदी बन्द, व्यवस्था बनाने में जुटे प्रभारी:- रविवार को बारिश रुकने और धूप निकलते ही खरीदी केन्द्रों में चहल पहल बढ़ी। केंद्र प्रभारियों के अलावा किसानों ने अपनी फसल को बचाने में जुटे। किसानों ने अपनी उपज से पन्नी त्रिपाल खोली, वहीं केंद्र में रखी उपज को सुरक्षित स्थानों पर रखने की व्यवस्था बनाई। धूप में पन्नी और त्रिपाल निकलवाई। हालांकि रविवार को बारिश नहीं हुई, जिससे उपज दूसरे दिन नहीं भीगी। ढीमरखेड़ा के 15 केंद्र प्रभारियों ने भी धान खरीदी केन्द्रों में उचित व्यवस्थाएं बनाई।कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के आदेश जारी होते ही प्रभारियों ने रविवार को केन्द्रों में खरीदी नहीं किया।
गिरे पान बरेजा :- बारिश के चलते उमरियापान में राजाराम चौरसिया, छोटे चौरसिया सहित अन्य किसानों के पान बरेजा गिरकर क्षतिग्रस्त हो गए है। जिससे पान किसानों को आर्थिक नुकसान पहुंचा है। बेमौसम बारिश से हुई क्षति के चलते पान किसान परेशान हैं। किसानों ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के कारण बीते दिनों भी पान किसानों को नुकसान पहुंचा है। राजस्व अमला सर्वे करने जरूर पहुँचा, लेकिन आज तक पान किसानों को मुआवजा नहीं मिला। किसानों का कहना है पान की खेती में लागत अधिक लगती है, आपदा आने पर किसानों को भारी मात्रा में नुकसान होता है,ऐसे में किसान भाई पान की खेती को छोड़ते जा रहे है।
रिपोर्टर राजेंद्र कुमार चौरसिया धीमरखेडा कटनी