सौरभ शर्मा के ऑफिस और घर से चांदी की 200 सिल्लियां, करीब 2.95 करोड़ रुपए नकद, 50 लाख का सोना और प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले हैं। लोकायुक्त की टीम ने गुरुवार सुबह करीब 7 बजे यह छापेमारी शुरू की, जो करीब 17 घंटे तक चली।
लोकायुक्त की टीम ने सौरभ शर्मा के भोपाल स्थित जयपुरिया स्कूल के ग्राउंड फ्लोर पर बने ऑफिस में जब रेड की, तो यहां एक अंडरग्राउंड लॉकर का पता चला। सौरभ ने इस लॉकर को फ्लोर के नीचे बनाया था और इसे दो टाइल्स से ढक दिया था। कार्पेट बिछाकर इसे छिपाया गया था। लोकायुक्त ने जब कार्पेट हटाया और टाइल्स को चेक किया, तो टाइल्स की अंदर से खोखलेपन की आवाज आई। इसके बाद, जब टाइल्स को हटाया गया, तो अंदर से पांच प्लास्टिक के बोरे और झोले निकले, जिनमें चांदी की 200 सिल्लियां रखी थीं। इन सिल्लियों का वजन कुल दो सौ किलो ग्राम था।
इस छापे के दौरान, लोकायुक्त की टीम को 2.95 करोड़ रुपए नकद, 50 लाख रुपए का सोना, 10 किलो चांदी के आभूषण और 200 किलो चांदी की सिल्लियां मिलीं। इसके अलावा, सौरभ शर्मा के ऑफिस से 500 से ज्यादा दस्तावेज भी मिले हैं, जिनमें प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेज जैसे एग्रीमेंट, बैंक पासबुक, चेक और वसीयत के नाम शामिल हैं।
लोकायुक्त टीम को यह भी जानकारी मिली कि सौरभ शर्मा के पास भोपाल, इंदौर और ग्वालियर सहित कई शहरों में प्रॉपर्टी के दस्तावेज थे। इसके अलावा, छापे में दो लग्जरी कारें, एक स्कूल, एक निर्माणाधीन बंगला, और महंगे सामान जैसे कीमती झूमर, कपड़े और धातु की मूर्तियां भी बरामद हुईं।
लोकायुक्त की जांच में यह बात सामने आई है कि सौरभ शर्मा ने महज सात साल की नौकरी में प्रदेशभर में करोड़ों रुपए का अवैध साम्राज्य खड़ा किया था। सौरभ शर्मा ने अपने वीआरएस के बाद रियल एस्टेट कारोबार शुरू किया था। फिलहाल, वह भोपाल में नहीं हैं, क्योंकि छापेमारी के दौरान वह दुबई में थे।
सौरभ शर्मा के बारे में यह भी पता चला है कि उन्होंने अरेरा कॉलोनी के ई-7/17 नंबर के बंगले को साल 2015 में सवा दो करोड़ रुपए में खरीदा था। इस बंगले की वर्तमान कीमत करीब सात करोड़ रुपए है। जब बंगला खरीदा गया था, तब वह आरटीओ में नौकरी पर थे और इस बंगले को अपने जीजा के नाम पर खरीदा था, ताकि कोई शक न हो।
लोकायुक्त की टीम को सौरभ शर्मा के तीन बैंक अकाउंट्स की जानकारी भी मिली है, जिनमें अभी तक कितनी रकम जमा है, इसकी जांच की जा रही है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस छापेमारी के बाद कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं, जो सौरभ शर्मा और उनके सिंडिकेट के अवैध कारोबार को और उजागर करेंगे।
यह कार्रवाई एक बड़े भ्रष्टाचार के नेटवर्क की ओर इशारा करती है, जिसमें सरकारी अफसरों, नेताओं और रियल एस्टेट कारोबारियों के बीच अवैध संपत्ति और धन का लेन-देन हो रहा था। लोकायुक्त की टीम अब इस मामले में और भी गहरी जांच कर रही है और इस भ्रष्टाचार के जाल को तोड़ने के लिए कार्रवाई तेज़ कर दी है।
आयकर विभाग की यह छापेमारी राजधानी भोपाल के प्रमुख बिल्डरों के ठिकानों पर चल रही जांच का हिस्सा है। विभाग ने अब तक कई ठिकानों पर कार्रवाई की है, जिससे यह संकेत मिलते हैं कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर काले धन की गतिविधियां चल रही हैं।
इस कार्रवाई के दौरान जो सोना और नकदी बरामद हुए हैं, उससे यह सवाल उठने लगा है कि क्या यह राशि और संपत्ति काले धन से जुड़ी हैं और इसके पीछे किस बड़े सिंडिकेट का हाथ हो सकता है। फिलहाल, जांच जारी है और आयकर विभाग ने इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए पूरी तरह से तत्परता दिखाई है।