18 सितंबर से 2 अक्टूबर तक पितृपक्ष चलेंगे. वहीं, बुधवार को उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर पितरों का तर्पण करने के लिए हजारों श्रद्धालु पहुंचे
15 दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए काफी अहम मानें जाते हैं. इस बीच पिंडदान का विशेष महत्व है.वहीं, उज्जैन में देश भर से श्रद्धालु तर्पण के लिए पहुंच रहे हैं. मान्यता है कि श्राद्ध में पूर्वजों का तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष मिलता है.
18 सितंबर से 2 अक्टूबर तक श्राद्ध पक्ष रहेगा. वर्ष प्रतिपदा तिथि का क्षय होने से 15 दिनों में 16 श्राद्ध होंगे. इसी के चलते तिथि अनुसार पूर्वजों का मोक्ष दायिनी क्षिप्रा नदी के रामघाट, सिद्धवट घाट और अंकपात मार्ग स्थित गयाकोठा तीर्थ पर श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. बता दें कि वैसे तो वर्षभर ही श्रद्धालु यहां तर्पण-पिंडदान के लिए आते हैं, लेकिन श्राद्ध पक्ष में इनकी संख्या बढ़ जाती