कैमोर के युवक ने जबलपुर के दमोह नाका स्थित मेट्रो अस्पताल में खिड़की से कूद कर जान देने की असफल कोशिश की। युवक के माता-पिता नहीं है और दोस्त करवा रहे हैं इलाज।अच्छी बात ये थी कि आईसीयू वार्ड के बाहर दो सुरक्षा गार्ड जो कि ड्यूटी कर रहे थे, उन्होंने तुरंत ही युवक के पास जाकर ना सिर्फ उसकी जान बचाई, बल्कि अपनी जान जोखिम में डालकर नीचे कूदने से पहले उसे पकड़ लिया और फिर नीचे उतारकर वार्ड में शिफ्ट किया। युवक का नाम दिलीप सिंह है जो कि कटनी जिले के कैमोर का रहने वाला है। दिलीप का सड़क दुर्घटना में एक्सीडेंट हो गया था जिसे कि 20 अगस्त को मेट्रो अस्पताल में भर्ती किया गया था।जानकारी के मुताबिक दिलीप सिंह (30) का 19 अगस्त की रात को एक्सीडेंट हो गया था, इलाज के लिए उसे पहले कटनी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत नाजुक होने के कारण उसे 20 अगस्त को दमोह नाका स्थित मेट्रो अस्पताल में भेजा गया। यहां डॉक्टरों की टीम ने दिलीप की दो सर्जरी की और फिर उसे आईसीयू में रखा है। दिलीप की हालत में लगातार सुधार भी हो रहा था। इस बीच 31 अगस्त की रात करीब 2 बजे बिना किसी से कुछ कहे दिलीप अस्पताल की पहली फ्लोर में बने आईसीयू वार्ड से बाहर निकला और गैलरी से होते हुए खिड़की से बाहर निकल आया ।दिलीप को खिड़की के पास घूमते देख सुरक्षा गार्ड सुधीर और शरीफ की नजर पड़ती है, ये समझते देर नहीं लगती है कि दिलीप खिड़की से कूदने वाला ही था, दोनों ने उसे दौड़कर उसके पास पहुंचे और जैसे ही उसे पकड़ने की कोशिश की तो वह छत से नीचे लटक गया।दोनों सुरक्षा गार्ड ने उसे पकड़ा और मदद के लिए चिल्लाने लगे। दोनों ने जैसे-तैसे दिलीप को पकड़ा और फिर सीढ़ियां लगाकर उसके पास पहुंच जाते है और उसे नीचे उतारा। दिलीप को अभी आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया है, डॉक्टरों का कहना है कि एक्सीडेंट के बाद से उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।दोस्त ने कहा- देखने गए तो अजीब बात कर रहा था।
दिलीप के माता-पिता नहीं है, दोस्त ही एक्सीडेंट के बाद से उसकी देखरेख कर रहे थे। दिलीप के मित्र शरीफ खान का कहना है कि एक्सीडेंट के बाद से उसकी मानसिक स्थिति लगातार बिगड़ रही थी, कई बार जब हम लोग उसे देखने गए तो अजीब बात कर रहा था। शरीफ ने बताया कि दिलीप खेती किसानी का काम करता है। परिवार में उसके अलावा कोई नहीं है, जिस वजह से हम लोग ही उसे इलाज के लिए 20 अगस्त को भर्ती करवाए थे। फिलहाल दिलीप की हालत अब ठीक है।