कालापीपल(बबलू जायसवाल)एक तरफ जहां डस्टबिन की कमी के कारण नगरवासी को सड़क पर कचरा फेंकना पड़ता है,वहीं नगर परिषद पानखेड़ी द्वारा लाखों रुपए से लागत से खरीदे गए डस्टबिन पंचमुखी चौराहे पर लावारिस हालत में पड़े हैं।लेकिन इस ओर न परिषद का और न सफाई का काम देखने वाले का ध्यान जा रहा है।यदि नगर परिषद द्वारा डस्टबिन को सही स्थिति में रखा जाता तो लोगों को सड़कों या खुले में कचरा फेंकने की जरूरत नहीं पड़ती,एक डस्टबिन की कीमत लग-भग 4500 हजार रुपए की है।नगर परिषद के पहले कार्यकाल में सैकड़ो डस्टबिन”नीलकमल” कंपनी के खरीदे गए थे जो आज की स्थिति में सब जगह से गायब हो चुके हैं।दूसरा कार्यकाल में”लोहे”के डस्टबिन जगह-जगह नगर में लगाए गए थे,वहां भी लग-भग विलुप्त होते दिखाई दे रहे हैं।नगर परिषद पानखेड़ी ने पिछले साल स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर कचरा डालने पर प्रतिबंध लगाया था।लोगों की सुविधा के लिए कई स्थानों पर कचरा डालने के लिए डस्टबिन लगाए गए थे।इन डस्टबिन को नपा ने कई स्थानों से हटा लिया है।नगर को पूरी तरह से स्वच्छ रखने के लिए नगर परिषद ने पिछले साल अभियान चलाकर लोगों को कचरा डस्टबिन में ही डालने के लिए प्रचार-प्रसार किया था।सभी सार्वजनिक स्थानों पर रखे डस्टबिन तो टूट गए हैं कुछ धूल खा रहे हैं और कुछ को दुकानदार ने उखाड़ कर फेंक दिये,उसके बाद भी नगर परिषद ने दुकानदारों पर कोई कार्रवाई नहीं की,इसका असर स्वच्छता अभियान पर पड़ा जिसका नतीजा यह रहा कि नगर परिषद पानखेड़ी स्वच्छता में फिसड्डी साबित हुई,सरकार द्वारा स्वच्छता के नाम पर लाखों रुपए का फंड दिया जाता है,लेकिन नगर परिषद फर्जी बिल लगाकर कागजों में स्वच्छता दिखती है जबकि वास्तविकता में देखा जाए तो नगर में हर तरफ गंदगी फैली हुई है।