बहुत प्राइवेट स्कूल हर साल फ़ीस बढ़ा देते हैं जिससे देश के आम परिवारों को बच्चों को पढ़ाने में बहुत समस्याएँ आती हैं।
बच्चों को स्कूल से ही महँगी कॉपी, किताबें, यूनिफार्म इत्यादि ख़रीदने के लिए बोला जाता है।
Development fee /Activity fee के नाम पर अनाब शनाब पैसे वसूले जाते हैं। बच्चों को ATM मशीन बना रखा है!
आज संसद में ये ज़रूरी मुद्दा उठाया।