सिलौंडी .ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम सिलौंडी क्षेत्र के शासकीय स्कूलों में नियमित शिक्षक की कमी होने और अतिथि शिक्षक की भर्ती नही के कारण आज स्कूल खोलने के डेढ माह बाद भी पढ़ाई नहीं हो रही है । छात्र छात्रा स्कूल जाकर सिर्फ खेल कूद और मस्ती कर रहे है । शासन के निर्देश अनुसार 15 सितंबर से तिमाही परीक्षा होना है । अब बच्चे के फेल होने पर कोन जिम्मेदार बना जायेगा ।जब कुछ पढ़ाई नहीं हो बच्चे परीक्षा में क्या लिखे । सिलौंडी हायर सेकेण्डरी स्कूल में कक्षा 9 वीं से 12 तक 18 शिक्षक की आवश्कता है परंतु वर्तमान में सिर्फ 3 शिक्षक है । इसी तरह कछार गांव बड़ा , दशरमन, गोपालपुर ,खमहरिया बागरी , नेगाई आदि आस पास गांवो में भी शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रहीं है । जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय, सिलौंडी सरपंच पंचों संतोष कुमार ,उपसरपंच राहुल राय ने जिला कलेक्टर से चर्चा कर जल्द से जल्द अतिथि शिक्षकों की भर्ती करने की मांग की है । भी अब 3 शिक्षक क्या 18 शिक्षकों की कमी पूरी का सकते है । शिक्षा विभाग की कुछ रुपए बचत करने की योजना से देश का भविष्य चौपट हो रहा है और देश के नेता सिर्फ फोटो खींचने में व्यस्त है । देश का युवा जा अच्छी पढ़ाई नहीं कर पा तब वह बेरोजगार रहे । शासन की फ्री योजना का इंतजार करता रहेगा । परंतु यदि पढ़ा लिखा युवक युवती होगे तो अपने से कुछ रोजगार स्वरोजगार कर आत्मनिर्भर बनेंगे । शासन की नीतियों के कारण गरीब मध्यम वर्ग के बच्चों की पढ़ाई रोकी हुई है । एक तरफ करोड़ो खर्च हो रहे है । एक तरफ कुछ हजार रुपया बचत करने बच्चों के भविष्य से खिलवाड़? शासन को जल्द जल्द अतिथि शिक्षकों की भर्ती कर पढ़ाई शुरू करनी चाहिए । कुछ विशेषज्ञ तर्क देगे कि विभाग प्रतिक्रिया चल रही है तो में पूछता हू कि शासन प्रशासन मई,जून ,जुलाई में क्या करता रहा ? जब हम को मालूम है कि नई सत्र में प्रवेश होने के बाद अतिथि शिक्षकों की आवश्कता होगी तो भर्ती में क्यों देरी ?