*तेज हुई न्यू पेंशन स्कीम को समाप्त करने की मांग जगह जगह हुआ
विरोध रेल कर्मचारियों ने किया विरोध
गंज बासौदा से जिला ब्यूरो मुकेश चतुर्वेदी
ऑल इंडिया रेलवे मैन फेडरेशन के आवाह्न पर वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाई यूनियन द्वारा नई पेंशन स्कीम के विरोध में वेस्ट सेंट्रल रेलवे, जबलपुर मुख्यालय सहित तीनों मंडलों एवं यूनियन शाखाओं में नई पेंशन स्कीम को हटाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया गया। न्यू पेंशन स्कीम हटाने के लिए वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाई यूनियन विदिशा शाखा के कर्मचारियों द्वारा भी शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया गया।
*क्या है प्रमुख मांग*
बता दे । 1 जनवरी 2004 के बाद शासकीय सेवा में आने वाले सभी केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों को भारत सरकार द्वारा नई पेंशन स्कीम के तहत लाया गया था। नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को कोई निश्चित पेंशन और ग्रेजुएटी की गारंटी सरकार द्वारा कर्मचारियों को नहीं दी गई । वर्ष 2004 से केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून में अपनाए गए दोहरे रवैया ही न्यू पेंशन स्कीम के विरोध का मुख्य कारण है । नई पेंशन स्कीम में जहां एक ओर 20 से 30 साल तक शासकीय सेवा करने के बाद भी 60 वर्ष की उम्र में कर्मचारी को रिटायर्ड मेंट पर कितना पैसा मिला ये वैश्विक बाजार की स्थिति पर निर्भर करेगा। आर्थिक मंदी जैसी स्थिति में कर्मचारियों को खाने के भी लाले पड़ सकते है । तो दूसरी ओर राजनेताओं को इससे बाहर रखा गया । अर्थात एक व्यक्ति केवल एक बार कुछ समय के लिए भी पार्षद , विधायक या सांसद बन गया तो भी वह उम्र भर पेंशन का हकदार है । ओर तो ओर कोई राजनेता जितनी बार भी पार्षद विधायक या सांसद बनता है उसको उतनी ही बार की पेंशन मिलती है। यही कारण है कि ऑल इंडिया रेलवे मैन फेडरेशन सहित अलग-अलग विभागों की कर्मचारी संगठन नई पेंशन स्कीम का विरोध करते आ रहे हैं। शुक्रवार को आयोजित विशाल विरोध प्रदर्शन में विभिन्न विभागों के रेल कर्मचारियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और नई पेंशन स्कीम के विरोध में प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराया। साथ ही केंद्र सरकार को बेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाई यूनियन के पदाधिकारी द्वारा केंद्र सरकार को अल्टीमेटम भी जारी किया कि यदि सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के हित में समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो कर्मचारी यूनियन आने वाले दिनों में और भी व्यापक तरीके से विरोध प्रदर्शन करेगा आवश्यकता पड़ने पर रेल चक्का जाम का निर्णय भी यूनियन पदाधिकारी द्वारा लिया जा सकता है।