रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय नर्मदापुरम द्वारा 31 मई 2024 को भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार जिला चिकित्सालय में पदस्थ वार्ड बॉय पुरुषोत्तम पगारे द्वारा दिनांक 29 मई 2024 को ईटेट वार्ड में शकुन यादव को माखननगर से रेफर कर जिला चिकित्सालय इलाज हेतु भेजा गया था। इलाज के दौरान पुरुषोत्तम पगारे वार्ड बॉय के द्वारा मरीज से रूपये 200 लेने एवं गलत इंजेक्शन लगाने एवं मृत्यु होने के कारण शिकायत की गई थी। इस संबंध में सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय के द्वारा इसके पूर्व 11 मई 24 को मृतकों के पोस्टमार्टम हेतु स्ट्रेचर ले जाने के संबंध में भी कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था किंतु संबंधित वार्ड बॉय द्वारा प्रातः कालीन ड्यूटी में अनुपस्थित रहने एवं पूर्व में भी इनके द्वारा नर्सिंग स्टाफ से अभद्रता की शिकायत की गई थी। पुरुषोत्तम पगारे वार्ड बाय जिला चिकित्सालय को उक्त कृत्य सिविल मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के विपरीत पाए जाने के कारण मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियम नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 9 के द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है एवं निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पचमढ़ी नियत किया गया है तथा नियमानुसार उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा। इसके साथ ही जिला अस्पताल में पदस्थ मुकेश राजुरकर लेब अटेंडेंट तथा श्रवण गौर मेस सर्वेंट को कार्य में लापरवाही बरतने पर सीएमएचओ द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किये गये है। जिनका जवाब संतोषप्रद ना मिलने पर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। अवगत होकर जिला अस्पताल में निरंतर इलाज मिला प्रवाही की खबरें सामने आती रही है उसके बावजूद निचले स्तर पर स्टाफ का व्यवहार नहीं सुधर रहा है। उक्त घटना ने जिला अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं।