जबलपुर। मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार कल दिनांक 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर शहरी क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में निग्मायुक्त श्रीमती प्रीति यादव ने कहा कि जल स्त्रोतों को सहेजना हम सबकी जिम्मेदारी है।निगमायुक्त श्रीमती प्रीति यादव ने बताया कि मध्प्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय भोपाल द्वारा जल स्त्रोंतों तथा नदी, तालाबों, कुओं, बावड़ी तथा अन्य जल स्त्रोंतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिए 5 जून से 15 जून तक विशेष अभियान चलाया जाना है, निगमायुक्त श्रीमती यादव ने इसके लिए संबंधित सभी अधिकारियों को अभियान को सफल बनाने के लिए निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने निर्देशों में कहा है कि उक्त अभियान के अंतर्गत अमृत 2.0 योजना नगरीय निकास में चयनित जल संरचनाओं के अतिरिक्त यदि कोई नदी, झील, तालाब, कुऑं, बावड़ी इत्यादि उपलब्ध है उसके पुर्नजीवीकरण संरक्षण की आवश्यकता है तो इन संरचनाओं को उन्नयन कार्य स्थानीय, सामाजिक, अशासकीय संस्थाओं एवं जनभागीदारी के माध्यम से कराया जाना। निकाय क्षेत्र के अंतर्गत विद्यमान रिहायशी रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम यदि बंद पड़े हैं तो उनकी सफाई कराकर उन्हें पुनः उपयोग किये जाने हेतु जागरूक करना, जल संरचनाओं के जल की गुणवत्ता फिजिकल, कैमिकल, वायलॉजीकल पैरामीटर की जॉंच कराई जाए, जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार नवीनीकरण के कार्य के दौरान गुणवत्ता नियंत्रण हेतु निकाय के तकनीकी अमले, संभागीय कार्यालय एवं तकनीकी सलाहकारों के द्वारा सतत् मॉनीटिरिंग भी की जाये, जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार उन्नयन उपरांत वॉटर ऑडिट संरचना की क्षमता वृद्धि के बाद कितना पानी संग्रहित हुआ, कितना वितरित हुआ अथवा उपयोग हुआ तथा क्या परिणाम और लाभ प्राप्त हुए के आधार पर निर्मित संरचना के अपेक्षित परिणाम अचीव्ड आउटकम का विश्लेषण और सत्यापन कराया जाये, जल संरचनाओं के अत्याधिक दोहन को रोकने हेतु सूचना शिक्षा संप्रेषण गतिविधियॉं आयोजित की जायें, शहरी क्षेत्रों में ग्राउण्ड वॉटर के रिचार्ज हेतु बड़े कमर्शियल एवं सरकारी संस्थानों तथा निजी घरों मे ंबनाये गये रैन वॉटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं की सफाई, मरम्मत कार्य वर्षा ऋतु के पूर्व पूर्ण करा लिया जाए, साथ ही रैन वौटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं का प्रावधान नहीं किया गया है वहॉं इनके निर्माण को प्रोत्साहित किया जाये, इसके लिए नोडल अधिकारी कार्यपालन यंत्री कमलेश श्रीवास्तव एवं प्रभारी सहायक यंत्री एस.बी.एम. भूपेन्द्र सिंह नियुक्त किया गया है।
इसी प्रकार जल संरचनाओं में मिलने वाले गंदे पानी के नाले नालियों को स्वच्छ भारत मिशन 2.0 अंतर्गत क्रियान्वित लिक्विड़ वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना के माध्यम से डायवर्सन के उपरांत शोधित कर जल संरचनाओं में छोड़ा जाना, जल संरचनाओं के आस-पास किसी भी प्रकार का सूखा, गीला कचरा फैंकने पर प्रतिबंधित किया जाना, प्रतिबंधित गतिविधियों हेतु सूचना पट्टी लगाना, शहरी क्षेत्र में सार्वजनिक स्थानों पर वातावरण के तापमान को कम करने हेतु स्प्रिंकलर के माध्यम से पानी का छिड़काव करना, गंदे नाले नालियों को जल संग्रहण संरचना में मिलने से पूर्व नाले की टेपिंग कराना, अभियान के दौरान नदी के घाटों एवं सार्वजनिक मंदिरों की साफ-सफाई तथा पुताई का कार्य जनसहभागिता से कराया जाना, इसके लिए प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी संभव अयाची, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अनिल बारी, संबंधित सहायक स्वास्थ्य अधिकारी एवं मुख्य स्वच्छता निरीक्षक को नियुक्त किया गया है।
जल संरचनाओं के चयन एवं उन्नयन कार्य में जी.आई.एस. तकनीक का उपयोग किये जाने, नगरीय निकाय द्वारा मौके स्थल पर जाकर चिन्हित संरचना की मोबाइल एप के माध्यम से जीयो टैगिंग की जाए, इस कार्य हेतु अमृत योजना के तकनीकी सलाहकार से समन्वय किया जाकर कार्य कराया जाना सुनिश्चित करेगें, इसके लिए एम.आई.सी. एक्सपर्ट, नोडल अधिकारी अंकुल खरे, बालेन्द्र शुक्ला, कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर को नियुक्त किया गया है।
जीर्णोद्वार नवीनीकरण किये जाने वाले जल संग्रहण संरचना के कैचमेंट में आने वाले अतिक्रमण एवं अन्य गतिरोध को दूर करना एवंज ल संरचनाओं के आस-पास के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने के लिए नोडल अधिकारी एवं उपायुक्त मनोज श्रीवास्तव, सहायक अतिक्रमण निरोधक अधिकारी सागर बोरकर को नियुक्त किया गया है।
जल संरचा के किनारों पर यथा संभव बफर जोन तैयार किया जाना, इस जाने में हरित क्षेत्र एवं पार्क का विकास किया जाये एवंज ल संरचना के किनारों पर अतिक्रमण को रोकने के लिए फेन्सिंग के रूप में वृक्षारोपण किया जाये एवं इनके संरक्षण के लिए सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाए इसके लिए नोडल अधिकारी कार्यपालन यंत्री आदित्य शुक्ला, आलोक शुक्ला, समस्त उपयंत्री, उद्यान अधिकारी एवं समस्त उद्यान पर्यवेक्षक को नियुक्त किया गया है।
जन सहयोग तथा निकाय द्वारा नगरीय निकास के सार्वजनिक स्थानों जहॉं लोगों का पैदल आवागमन होता है जैसे बाजार, सब्जीमण्डी, बस स्टॉप, चौराहे, आदि पर गर्मी से बचने के लिए छायाग्रीन नेट लगाया जाना, जल स्त्रों तों एवं बावड़ी के संरक्षण जीर्णोद्धार संबंधी अद्योसंचना निर्माण कार्यो को वर्षा ऋतु से पूर्व ही पूर्ण कराने के लिए नोडल अधिकारी अधीक्षण यंत्री अजय शर्मा, एवं समस्त कार्यपालन यंत्री को नियुक्त किया गया है।
*अभियान का क्रियान्वयन*
निगमायुक्त श्रीमती प्रीति यादव ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून के उपलक्ष्य में दिनांक 6 जून को प्रत्ये संभाग में विशेष जल सम्मेलन बुलाया जना, दिनांक 8 जून को प्रातः 7 से 9 बजे तक संभागों में स्थानीय नागरिकों के साथ समन्वय करके वार्डवार कुओं, बावड़ी, जलसंरचना की साफ-सफाई श्रमदान किया जाना, संभागों में दिनांक 09 जून रविवार को सामाजिक धार्मिक महत्व की जलसंरचना के समीप आस-पास कलश यात्रा का आयोजन कराना, संभागों द्वारा दिनांक 9 जून सायं 04 से 6 बजे नगर स्तरीय जल संरक्षण विषय पर निबंध, चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन कराना, जिसमें स्थानीय छात्र-छात्राओं की प्रतिभागिता सुनिश्चि करना, दिनांक 05 जून से 16 जून तक जल संरचनाओं कुओं बावड़ियों की निकाय द्वारा जनसहयोग के साथ, साफ-सफाई जीर्णोद्धार के कार्य कराना, दिनांक 15 एवं 16 जून को गंगा दशमी के अवसर पर प्रमुख जल स्त्रोंत तालाब, बावड़ियों के किनारे सांस्कृकितक कार्यक्रम अंतर्गत गंगा आरती, भजन समारोह परिक्रमा सम्मान समारोह हरियाली महोत्सव के साथ इस अभियान का समापन किया जायेगा। जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार उन्नयन तथा समस्त कार्यो के लिए प्रभारी अपर आयुक्त व्ही.एन. वाजपेयी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।