पिपरिया में गेहूं खरीदी में हुए घोटाले में वरिष्ठ रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम/पिपरिया। शुक्रवार शाम को जिले भर में जनमानस के बीच सहित भाजपा संगठन में उस वक्त सनसनी फैल गई,जब पिपरिया में वर्ष 2013-14 में गेहूं खरीदी के मामले में हुए घोटाले को लेकर पिपरिया विधायक ठाकुरदास नागवंशी के करीबी और पिपरिया नगर पालिका अध्यक्ष के पति वरिष्ठ भाजपा नेता नवनीत नागपाल,भाजपा के पूर्व विधायक पुत्र अजय माहेश्वरी सहित आठ आरोपियो को 7 – 7 वर्ष का सश्रम कारावास और 5 – 5 हज़ार रुपए के अर्थदंड से पिपरिया के प्रथम अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश की अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने की खबर वायरल हुई जिसकी देर शाम पुष्टि हो सकी। अवगत हो कि पिपरिया भाजपा जिलाध्यक्ष का गृहनगर क्षेत्र भी होने से और पिपरिया के रसूखदार भाजपा नेता नवनीत नागपाल को सजा होने से यह मामला काफी सुर्खियों में आ गया है
। मामले में विपणन सहकारी समिति मर्यादित पिपरिया के द्वारा गेहूं खरीदी में हुए घोटाले को लेकर अदालत द्वारा फैसला आने के बाद दोषी संस्था अध्यक्ष सहित समिति संचालक सदस्यों की गिरफ्तारी उपरांत पुलिस द्वारा सरकारी अस्पताल में स्वास्थ परीक्षण कराकर दोषियों को जेल भेज दिया गया।
क्या है उक्त मामला-
मामले की पैरवी शासकीय अधिवक्ता सुनील चौधरी द्वारा की गई। उन्होने बताया कि वर्ष 2013-14 में सोसाइटी द्वारा समर्थन मूल्य पर शासन के लिए खरीदे गए एक लाख चार हजार 34 क्विंटल गेहू में से एक हजार 416 क्विंटल गेहूँ निगम को कम दिया गया। यही नहीं अमानक स्तर का एक हजार 628 क्विंटल भी खरीदा गया। परिवहन के दौरान 185.02 क्विंटल गेहूँ की कमी निगम को बताई गई। इस प्रकार अभियुक्तगण ने कर्तव्यहीनता से गेहूँ स्टाक में कमी, सूखत, परिवहन में कमी, अमानक स्तर के गेहूँ की खरीदी पर हुई क्षति पर निगम को क्रमशः 1416.19 क्विंटल गेहूँ की राशि 21,24,285 /- रूपये, 1628.86 क्विंटल गेहूँ की राशि 2,93,528 /- रूपये एवं 185.02 क्विंटल गेहूँ की राशि 2,77,530/- रूपये की क्षति हुई। ऐसी स्थिति में अपराध धारा 409 भा.दं.सं. के अपराध में दोषी पाए गए हैं अतः समाज में ऐसे अपराध की पुनरावृत्ति न हो सके, इसलिए कठोर सजा दिया जाना उचित होगा ताकि नए आने वाले अपराधियों में दंड का भय बना रहा है। माननीय कोर्ट के आदेश में प्रस्तुत साक्ष्य से आरोपीगण को खरीदी गेहूं न्यस्त किया जाना तथा उक्त गेहूं के संबंध में हेरा-फेरी करना तथा उससे स्वयं लाभ प्राप्त कर शासन को नुकसान कारित करना प्रमाणित होता हुआ है। चूँकि प्रकरण संचालक मंडल/उसके सदस्यों से संबंधित है। इसलिए आरोपियों को पृथक-पृथक कृत्य का माफ किया जाना संभव नही हैं, इसलिए सभी आरोपियों को संयुक्त रूप से सजा सुनाई गई। अभियुक्तगण को अपराध धारा 409 भारतीय दंड संहिता में दोषी पाया गया है।
प्रथम अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश पिपरिया की अदालत का ऐतिहासिक फैसला-
पिपरिया के प्रथम अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश कैलाश प्रसाद मरकाम की अदालत द्वारा सुनवाई के बाद गेहूं खरीदी में हुए अपराधिक मामले में मार्केटिंग सोसायटी के तत्कालीन प्रबंधक राजेंद्र दुबे के अलावा संचालक मंडल के सदस्य अजय माहेश्वरी, नवनीत सिंह नागपाल, सतीश जायसवाल, हेमराज सिंह चौधरी, राघव सिंह पुरबिया, जगदीश अग्रवाल, संध्या अग्रवाल पति जगदीश अग्रवाल, सुनीता रघुवंशी पति लक्ष्मण सिंह रघुवंशी, जानकी पटेल पति दिनेश कुमार पटेल को दोषी पाते हुए सात-सात साल की सश्रम कारावास की सजा सहित प्रत्येक पर 5 – 5 हजार रुपए जुर्माना से दंडित किया गया है।
किसके थे वे गायब 6 ट्रक और कहाँ गए? –
सुनवाई के दौरान समिति द्वारा बताया गया था, कि वह गेहूं छह ट्रकों में खरीदी केंद्र से लोड किया गया था लेकिन जिस जगह उसके उनका भंडारण होना था यानी नागरिक आपूर्ति निगम की गोदाम तक वह गेहूं नहीं पहुंच पाया। पुलिस के द्वारा इस मामले में जांच करने पर पाया गया था,कि उस समय जिस ट्रांसपोर्ट एजेंसी के द्वारा गेहूं परिवहन का काम लिया गया था वह आधा दर्जन ट्रक उसे कंपनी के थे ही नहीं। जो ट्रक कंपनी के नहीं थे उनमें वह गेहूं कैसे रखवाया गया ? इसी बात को लेकर पुलिस ने जांच कर यह मामला दर्ज किया था। उन सभी आधा दर्जन ट्रकों का आज तक पता नहीं चला है।