राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय द्वारा चाईल्ड पोर्नोग्राफी के संबंध में जारी एडवायजरी के जरिए आवश्यक एहतियात बरतने के बारे में अवगत कराया गया है, जिसके तहत किसी भी तरह के सोशल मीडिया के ऐसे गु्रपों में नहीं जुड़ने की सलाह दी गई है, जिनमें चाईल्ड पोर्नोग्राफी का आदान-प्रदान होता हो। व्हाट्सएप एवं टेलीग्राम की सेटिंग को मजबूत रखने के लिए भी अवगत कराया गया है, जिससे बगैर अनुमति के कोई व्यक्ति किसी ग्रुप में न जोड़ सके। सेटिंग में जाकर ऑटो डाउनलोड को बंद रखने के बारे में भी सूचित किया गया है, जिससे कोई तस्वीर या वीडियो मोबाइल में डाउनलोड न हो सके। चाईल्ड पोर्नोग्राफी संबंधी सामग्री आने वाले ग्रुपों को छोड़ने और ग्रुप के मेंबर्स को जानकारी से अवगत कराने की सलाह भी दी गई है। एडवायजरी में बताया गया है कि ऐसी किसी भी वेबसाइट को विजिट न करें एवं न ही किसी एप्लीकेशन को इंस्टॉल करें, जहां चाईल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित सामग्री हो। सायबर अपराध घटित होने या जानकारी मिलने पर नजदीकी पुलिस थाना अथवा वेबसाइट सायबर क्राइम डॉट जीओव्ही डॉट इन या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क किया जा सकता है।
क्या है चाईल्ड पोर्नोग्राफी
सायबर पुलिस मुख्यालय द्वारा अवगत कराया गया है कि वर्तमान डिजिटल परिवेश में परिचितों व अनजान व्यक्तियों द्वारा लोगों को कई ग्रुपों में जोड़ लिया जाता है। ग्रुपों में विभिन्न तरह की पोस्ट, तस्वीरें और वीडियोज का आदान-प्रदान होता है। ऐसा वीडियो या चलचित्र सामग्री जिनमें 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को लैंगिक प्रदर्शन करते हुए या इस तरह की गतिविधि में संलिप्त दिखाया जाता है, उसको चाईल्ड पोर्नोग्राफी कहा जाता है। चाईल्ड पोर्नोग्राफी तैयार करने सहित संग्रहित करने, डाउनलोड, आदान-प्रदान, वितरित अथवा ब्राउज/सर्च करने या बढ़ावा देने का कृत्य आईटी एक्ट की धारा 67बी, आईपीसी की धारा 354 सी तथा पॉक्सो की धारा 11/12 के तहत अपराध है। सरकार निरंतर ऐसी गतिविधियों पर नजर रखती है तथा फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, गूगल इत्यादि द्वारा ऐसे विभिन्न प्रोफाइलों की जानकारी जो किसी भी तरह से चाईल्ड पोर्नोग्राफी की विभिन्न गतिविधियों के तहत किसी को भेजने पर एकत्रित कर पुलिस के साथ साझा की जाती है। इस तरह की शिकायतों पर राज्य पुलिस द्वारा कार्यवाही की जाती है।