जबलपुर* निजी स्कूलों की मनमानी से अभिभावक इस कदर परेशान हो गए थे कि उनके सामने ना चाहते हुए भी स्कूलों की मांग माननी पड़ती थी। इतना नहीं स्कूल जिस दुकान से किताब-कॉपी खरीदने बाध्य करता था, अभिभावक को वहां से ही खरीदने को मजबूर होना पड़ता था। ऐसे में मध्यप्रदेश में पहली बार निजी स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने कुछ इस तरह का नवाचार किया है, जिससे अभिभावक और बच्चे भी खुश है। जबलपुर कलेक्टर ने स्कूली बच्चों के अभिभावकों को कम दामों पर किताबें उपलब्ध कराने गोलबाजार स्थित शहीद स्मारक परिसर में पांच दिवसीय पुस्तक मेला में बड़ी संख्या में बच्चों एवं अभिभावकों ने पहुंचकर कम रेट पर किताबें एवं शैक्षणिक सामग्री खरीदी। और कलेक्टर की जमकर तारीफ की,
प्रदेश के पहले पुस्तक एवं मतदाता जागरूकता मेले के अंतिम दिन आज सोमवार को भी बच्चों और उनके अभिभावकों ने रियायती दरों पर कॉपी, किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य शैक्षणिक सामग्रियां क्रय की। जिला प्रशासन द्वारा एक दिन की अवधि और बढ़ाने के बाद पांच दिवसीय पुस्तक मेला सोमवार को भी आयोजित किया गया था। जिला निर्वाचन कार्यालय के स्वीप सेल द्वारा पुस्तक एवं मतदाता जागरूकता मेले के अंतिम दिन आज लाडली बसेरा के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के माध्यम से मतदाता जागरूकता का संदेश दिया। साथ ही स्वीप सेल द्वारा प्रश्नोत्तरी के माध्यम से स्थल पर मौजूद नागरिकों को मतदान के प्रति जागरूक किया गया। प्रश्नोत्तरी में भारत में ईव्हीम मशीन का निर्माण कौन सी कंपनी करती है? ईव्हीएम का पूरा नाम क्या है? आदि प्रश्न नागरिकों से पूछकर उन्हें मतदाता गतिविधियों से जोड़ा गया। इन प्रश्नों का सही उत्तर देने वाले बच्चों एवं नागरिकों को मंच पर सम्मानित किया गया। इस दौरान जिला स्वीप कॉर्डिनेटर प्रमोद श्रीवास्तव, डॉ. शुभम जैन, सरोज रजक का अहम योगदान रहा।
*जो बुक मेले में नहीं मिलेंगी, वह स्कूलों में नहीं चलेंगी… कलेक्टर*
पुस्तक मेला में विगत दिवस कलेक्टर दीपक सक्सेना ने अवलोकन किया, एवं स्कूली बच्चों के अभिभावकों से वन टू वन बात भी की। कलेक्टर ने मेले में एक शिकायत रजिस्टर भी रखा जिसमें कि मेले में नहीं मिलने वाली पुस्तकों का नाम एवं जानकारी उल्लेखित करने की बात कही है। कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि जो किताब पुस्तक मेले में नहीं मिलेगी वह किताब सिलेबस में नहीं रहेंगी। दीपक सक्सेना ने कहा कि मेले में लगाए गए स्टॉल्स में यदि कोई किताब नहीं मिल रही है तो समझा जाएगा कि उसकी कहीं ना कहीं जमा खोरी हो रही है, पर ऐसी मोनोपोली को चलने नहीं दिया जाएगा।
निजी स्कूलों के द्वारा विशेष दुकानों से कॉपी-किताबें, यूनिफार्म, जूते, टाई, बैग आदि खरीदने का दबाव डालने वाले 65 निजी स्कूलों के खिलाफ कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर शुरू की गई मुहिम के तहत जिला प्रशासन द्वारा मध्यप्रदेश निजी विद्यालय ( फीस एवं अन्य विषयों का विनियमन) अधिनियम-2017 के तहत 11 और स्कूलों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किये गये हैं। इनके खिलाफ प्रशासन द्वारा इस अधिनियम के विरुद्ध कर प्रकरण दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। एबट बीटन हायर सेकेंडरी स्कूल, मेरिडियन स्कूल सिहोरा, रॉक फोर्ड स्कूल महानंदा नगर, ब्रिटिश इंटरनेशनल स्कूल तेवर, सौरभ इंटरनेशनल स्कूल तिलवारा, विंग्स ऑफ जाय स्कूल, जाय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, लिटिल किंगडम स्कूल अधारताल, लिटिल किंगडम स्कूल नेपियर टाउन, फ्लावर वैली किड्स एकेडमी शास्त्री नगर एवं बिलाबांग्स हाई इंटरनेशनल स्कूल सहित 65 स्कूल है जिनके खिलाफ कार्रवाई हुई है।
*कलेक्टर ने किया अपील*
कलेक्टर ने सभी अभिभावकों से आग्रह किया था कि कोई भी स्कूल अगर विशेष दुकान से कॉपी-किताबें या यूनिफार्म खरीदने के लिए, औपचारिक या अनौपचारिक चर्चा, सलाह या सूचना, कार्ड अथवा स्कूल के अंदर या बाहर लगे पोस्टर, पम्पलेट अथवा बैनर की रिकॉर्डिंग से संबंधित कोई भी शिकायत व्हाट्सएप नम्बर 94070 83130 पर भेज सकते है।