रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। शहर का ऐतिहासिक व धार्मिक सद्भावना का प्रतीक संत शिरोमणि रामजी बाबा मेला का शुभारंभ गुरुवार 22 फरवरी को मुख्य अतिथि आचार्य पंडित सोमेश परसाई, नपा अध्यक्ष नीतू यादव, विधायक प्रतिनिधि महेंद्र यादव सहित अन्य अतिथियों, पार्षदगणों की मौजूदगी में हो चुका है। मेला करीब 13 दिनों तक चलेगा, मेला की सुरक्षा के लिए पुलिस चौकी में पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। करीब मेले में 500 दुकानों की जगह आवंटित हुई है। इस बार परिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि मेला परिसर में मंच के पीछे मैदान पर चौपाटी बनाकर उसमें खाने-पीने की स्टॉल और दुकानें लगाई जाए।
हरदा की घटना से सबक लेते हुए इस बार मुख्य द्वार के आजू-बाजू लगने वाली दुकानों में भी कटौती की गई है और रास्तों को इतना खुला किया गया है, जिससे फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस तत्काल स्थल पर पहुंच सके। इसके लिए नगर पालिका प्रशासन द्वारा मेला परिसर में अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। सीएमओ नवनीत पांडे द्वारा मेले में दुकानों को लेकर होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए नगर पालिका के पार्षदों की टीम की निगरानी समिति भी बनाई गई है। जिन्हें दुकानों की जांच करने एवं उनकी रसीदों की जांच का अधिकार भी दिया गया है। जहां कहीं गड़बड़ी पाई जाती है तो वह लिखित शिकायत कर सकते हैं। इतनी व्यवस्थाओं के बावजूद मेले में दलाल भी घूम रहे हैं जो कि परिषद के निर्णय पर हावी होते नजर आ रहे हैं। आश्चर्य का विषय है कि मेला परिसर में जहां बड़े झूले लगाए गए हैं उसी के नीचे टेंटनुमा दुकान में सॉफ्टी की दुकान भी लगा ली गई है। और फालूदा की दुकान भी लगाई गई है जिससे यदि कोई दुर्घटना होगी तब जवाबदार कौन होगा ? यह बड़ा सवाल भी खड़ा हो रहा है कि जब मंच के पीछे खाने पीने के स्टॉल की व्यवस्था निश्चित की गई है तो फिर मेला ग्राउंड के अंदर झूले के आसपास कैसे सोफ्टी, आइसक्रीम और फालूदा की दुकान कैसे लग गई ? किसके संरक्षण में लगी है? जिसको लेकर मंच के पीछे चौपाटी जोन में चाट पकौड़ी सहित अन्य खाने पीने की दुकान लगाने वाले दुकानदारों में आक्रोश है। दूसरी तरफ नगर पालिका के जागरुक पार्षद राजेंद्र उपाध्याय, पार्षद बंटी परिहार सहित अन्य लोगों ने जब कुछ दुकानों की जांच की तो पाया उनके पास उक्त जगह की कोई रसीद नहीं हैं और दुकान सजा ली। उनके द्वारा आश्चर्य व्यक्त किया गया कि झूलों के नीचे सॉफ्टी सहित आइसक्रीम की दुकाने कैसे लगी हैं जबकि परिषद का निर्णय था कि खाने-पीने के स्टॉल मंच के पीछे लगाए जाएंगे। सूत्रों की माने तो मेला स्थल पर दलाल सक्रिय है जो दुकानदार को सॉफ्टी और कुल्फी वा फालूदा की दुकान मेला में झूला स्थल के आसपास दुकान को लगाने की जावबदारी ले रहे है। मेले में व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कल से पार्षदो की निगरानी समिति दुकानदारों की रसीद की जांच भी करेंगी और मेले में व्यवस्था बनाए रखने में सहायक होंगी। परिषद में निर्णय के विपरीत मेले में दुकानें संचालित होती पाई जाएंगी तो उनपर कारवाई भी होंगी।