मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव की सरकार ने राज्य सरकार की विकास योजनाओं को गति देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार का दावा है अगले पांच वर्षों में राज्य में कृषि और रोजगार के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने के मिलेगा।
पूर्व की शिवराज सरकार के कार्यों को आगे बढ़ाने और नई योजनाओं के क्रियान्वयन में धन की कमी आड़े ना आए इसके लिए रिजर्व बैंक एक बार फिर से मध्य प्रदेश को कर्ज देने जा रहा है।
इस हफ्ते मध्य प्रदेश विधानसभा में सरकार लेखानुदान लेकर आई, जिसे समाज के सभी वर्गों के कल्याण और विकास कार्यों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। चार महीने के अंतरिम बजट को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट सत्र के दौरान सदन में पेश किया जो 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपये का है। वहीं इस बीच विकास कार्यों में रुकावट ना आए इसके लिए भी सरकार ने प्रबंध कर लिया है।
दौरान सीएम मोहन यादव ने कहा है कि उनकी सरकार सुशासन और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इस बीच 20 फरवरी को बाजार से पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है। रिजर्व बैंक के मुंबई कार्यालय के माध्यम से अपनी गवर्मेन्ट सिक्युरिटीज का विक्रय कर यह कर्ज तीन हिस्सों में लिया जाएगा।
पहला कर्ज 1,500 करोड़ रुपये 16 वर्ष और इतनी ही राशि का दूसरा कर्ज 20 वर्ष के लिए लिया जाएगा। तीसरा कर्ज दो हजार करोड़ रुपये का होगा। प्रदेश इस कर्ज को अगले 21 वर्षों में चुकता करेगा। तीनों ही कर्ज पर साल में दो बार कूपन रेट पर ब्याज का भुगतान भी किया जाएगा।
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में सरकार अब तक कुल 27 हजार 500 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। पांच हजार करोड़ रुपये के इस कर्ज को मिला लिया जाए तो यह राशि 32 हजार 500 करोड़ रुपये हो जाएगी।
मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर नजर डालें तो विकास दर बढ़ी है। वर्तमान में 16 प्रतिशत से अधिक है। ऊर्जा उत्पादन 4,000 मेगावाट से बढ़कर 29,000 मेगावाट हो गया है, जबकि सिंचाई क्षमता बढ़कर 47 लाख हेक्टेयर हो गई है। राज्य में 5.5 लाख किमी लंबी गुणवत्तापूर्ण सड़कों का नेटवर्क है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर देश के सबसे स्वच्छ शहरों की सूची में शीर्ष पर है, जबकि मध्य प्रदेश राज्यों में दूसरे स्थान पर है।