उपार्जन केंद्रों में रखे धान का परिवहन ना होने से प्रभावित हो रही खरीदी
कटनी/बहोरीबंद- जिले में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 28 नवम्बर से शुरू हुई थी कलेक्टर अवि प्रसाद ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में समर्थन मूल्य पर खरीदी के कार्यों और व्यवस्थाओं की समीक्षा की है। बैठक में कलेक्टर अवि प्रसाद ने कहा कि धान उपार्जन के बाद किसानों को राशि का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से आधार लिंक बैंक खाते में ही किया जाना है।
*बाकल खरीदी केंद्र में रखी 13500 क्विंटल धान नहीं हो रहा परिवहन*
बाकल केंद्र प्रभारी अर्जुन पटेल द्वारा बताया गया कि परिवहन नहीं हो पा रहा है जिससे स्लॉट बुक हुए किसानो की तारीख निकल जाने पर समस्या का सामना करना पड़ता है!
सरकारों द्वारा दावा किया जाता है कि किसानों के धान का एक-एक दाना खरीदने की बात कर रहे है। ऐसे में धान उपार्जन केंद्रों में किसानों को धान रखने मैदान तक खाली नहीं मिल रहा है। उपार्जित धान का परिवहन ना होने के कारण किसानों को मैदान खाली नहीं मिल रहा है।
विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद में जितने भी धान उपार्जन खरीदी केंद्र है, उनमें किसानों का धान अधिकतर तुलकर बोरों में सिलकर रखा हुआ है। परंतु ट्रांसपोर्टरों द्वारा बहुत धीमी रफ्तार से धान का उठाव किया जा रहा है, इससे इन उपार्जन केंद्रों में तुलकर बोरों में पैक हो चुकी धान के बोरे पूरे परिसर में फैले हैं। इसकी वजह से अपनी धान उपज लेकर उपार्जन केंद्र आ रहे नए किसानों को धान रखने जगह ही खाली नहीं मिल रही है। साथ ही बारिश की संभावना जिले में बनी हुई है। इसके चलते किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसानों को समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करें जब इन केंद्रों में उनकी धान रखने जगह ही नहीं है तो वह खुद को असहाय महसूस कर रहा है।
*धान बिकने के बाद नहीं हो रहा भुगतान, असमंजस में किसान*
जिले में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन में जारी मनमानी से किसानों की समस्याएं खत्म नहीं हो रही है।धान उपार्जन की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद जिन किसानों का धान नहीं बिका है वे अब भी उपार्जन केंद्रों में भटककर परेशान हो रहे है, वहीं जिन किसानों का धान बिक चुका है वे भी समय पर भुगतान नहीं मिलने से परेशान हो रहे है।अनेक किसानों ने बताया है कि णधान बेचने के एक पखवाडे़ बाद भी भुगतान नहीं मिलने से अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी किसानों की समस्याओं को हल करने कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।