पश्चिम मध्य रेल के कोटा मंडल के भरतपुर-मथुरा खंड में विभिन्न तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कवच का सफल लोको परीक्षण, महाप्रबंधक श्रीमती शोभना बंदोपाध्याय की निगरानी में किया गया। यह लोको परीक्षण जाजनपट्टी होम सिग्नल पर एसपीएडी (SPAD) रोकथाम टेस्ट, जाजन पट्टी-मुड़ेसी रामपुर के ब्लॉक सेक्शन में ओवरस्पीड पर नियंत्रण, मुडेसी रामपुर में लूप लाइन गति नियंत्रण, सेक्शन के सभी समपार फाटकों’ पर आटोमेटिक विस्सल (स्वचालित शीटी), सेक्शन में सभी स्थानों पर उत्तम कैब सिग्नलिंग इत्यादि पहलुओं के सफल परीक्षण के साथ आयोजित किया गया
कवच (भारतीय रेलवे स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (आई.आर.ए.टी.पी.) प्रणाली) पूरी तरह से भारत में ही विकसित की गयी अत्याधुनिक रेल सुरक्षा प्रणाली है। वर्तमान रेल संचालन प्रणाली के ऊपर एक महत्वपूर्ण विश्वसनीय सुरक्षात्मक परत प्रदान करती है। इसके लागू होने के बाद हमें ट्रैन चालकों के द्वारा मानवीय भूल से सिग्नल को अनदेखा कर होने वाली सुरक्षा चूक की दुर्घटनाओं से हमेशा के लिए निजात मिल जाएगी
इस प्रणाली से चालक दल को 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार पर सिग्नल आस्पेक्ट को पढ़ने में सुविधा होगी क्योंकि अब उसे लाइन पर लगे सिग्नलों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। उसे अगले सिग्नल का आस्पेक्ट इंजन में ही कवच के द्वारा दिख जायेगा। इस सुविधा से कोहरे या अन्य खराब दृश्यता वाले मौसम में भी ट्रेनों को सही समय पर संचालित करना आसान रहेगा
चालक दल की कार्य प्रणाली पर सतत निगरानी
कवच अगले सिग्नल के आस्पेक्ट, ट्रैक की प्रोफाइल एवं इंजन की ब्रैकिंग क्षमता के अनुसार लगातार आदर्श ड्राइविंग प्रोफाइल एवं ब्रैकिंग की आवश्यकता की गणना करता चलता है। जब तक चालक दल इस आदर्श ड्राइविंग प्रोफाइल के अनुरूप ट्रेन संचालित करते हैं, तब तक कवच स्वतः कुछ नहीं करता। जैसे ही चालक दल से कुछ भूल होती है और ट्रेन संचालन आदर्श संचालन की सीमाओं से बाहर जाता है, कवच आटोमेटिक ब्रैकिंग से ट्रेन को सुरक्षित दूरी में ही रोक लेता है और सुरक्षा का अचूक कवच प्रदान करता है। पमरे इसी प्रकार अपने लक्ष्यों की ओर अग्रसर एवं परियोजनाओं को तेजी से पूर्ण करने हेतु कृतसंकल्पित है।