कटनी। पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन के दिशा निर्देश, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोज केडिया एवं एसडीओपी के.पी. सिंह के मार्गदर्शन में विजयराघवगढ़ थाना प्रभारी निरीक्षक अनूप सिंह ठाकुर की टीम ने नाबालिक से दुष्कर्म के आरोपी को मंदसौर जिले से गिरफ्तार किया है। आरोपी के सिर पर 5 हजार रूपए का ईनाम भी घोषित था। थाना प्रभारी निरीक्षक अनूप सिंह ने बताया कि वर्ष 2022 में विजयराघवगढ़ थाना क्षेत्र के एक ग्राम निवासी एक नाबालिक लड़की लापता हो गई थी। नाबालिग के परिजनों ने रिपोर्ट दर्ज कराया था
कि उनकी बच्ची को किसी अज्ञात व्यक्ति ने अपहृत कर लिया है। विजयराघवगढ़ पुलिस ने धारा 363 के तहत् मामला पंजीबद्ध कर तत्परता से विवेचना शुरू की और नाबालिक बच्ची को ढूंढ़ कर परिजनों सौंप दिया गया था। नाबालिक बच्ची से घटना क्रम के सम्बंध में पूछतांछ की गई जिसने बताया कि अज्ञात व्यक्ति के द्वारा उसे पत्नी बनाकर रखा गया था और उसके बाद दूसरे व्यक्ति को बेच दिया गया था। उक्त मामले के 3 आरोपियों को त्वरित गिरफ्तार कर धारा 363, धारा 366(क), 376, 370, 376(डीए), 376(2)एन, 376(3), 354(क), 34, 3.45,6(जे) (आईआई) 5(जे), 11,12,16,17 पाक्सो एक्ट 3(1)(डब्लू-2), 3(2)व्ही. एससीएसटी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जेल भेज दिया गया था। अन्य आरोपी रंजीत उर्फ रणजीत सिंह पिता स्व. मोती सिंह सिसोदिया निवासी ग्राम सातलखेडी, जिला मंदसौर फरार था जिसकी तलाश पुलिस कर रही थी। एसपी अभिजीत कुमार रंजन द्वारा आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 5 हजार रूपए का ईनाम भी घोषित किया गया था। इसी बीच मुखबिर से सूचना मिलने पर थाना प्रभारी निरीक्षक अनूप सिंह द्वारा उप निरीक्षक योगेश मिश्रा, सहायक उप निरीक्षक शशि भूषण सिंह, प्रधान आरक्षक प्रशांत विश्वकर्मा, आरक्षक लालू यादव की टीम गठित कर मन्दसौर भेजा गया था। स्थानीय मुखबिर तंत्र से सम्पर्क कर फरार आरोपी के ठिकाने पर पुलिस पहुंचीं जो कि एक खेत में बने झोपड़ी में रह रहा था। पुलिस को देखते ही वह रात के अंधेरे में भागने का प्रयास करने लगा जिसे पुलिस ने भारी मशक्कत से घेराबंदी कर पकड़ा है। पकड़े गए आरोपी रंजीत सिंह से घटना के बारे में पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसकी शादी नहीं हुई है जिस कारण उसने 2,00,000 रूपये में लड़की को खरीद लिया था और उसके साथ शादी करना चाहता था। आरोपी रंजीत सिंह का मेडीकल परीक्षण उपरान्त न्यायालय विजयराघवगढ में पेश किया गया था जिसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।
*सुरेश सेन की रिपोर्ट*