कटनी। वीरांगना रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद में व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत विद्यार्थियों को जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के क्रम में जैविक फसल उत्पादन के लिए फसल चक्र बहु फसलीय कृषि प्रणाली पशुपालन फसल अवशिष्ट एवं खरपतवार प्रबंधन तथा गोबर गोमूत्र आधारित खादें जैव वृद्धि कारकों शीघ्र खादें सींग खाद तथा विभिन्न जैविक खादें खली एवं मुर्गी खाद आदि के उपयोग का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। जैविक फार्म विकास के अंतर्गत आवास विकास। आदानों के उत्पादन हेतु फार्म पर सुविधाये। फसल चक्र एवं फसल परिवर्तन योजना तथा तीन से चार वर्षीय फसल नियोजन एवं जलवायु व मृदा तथा क्षेत्रीय उपयुक्तता के आधार पर फसलों के चयन करने की जानकारी दी गई। फसल अवशेष प्रबंधन के अंतर्गत फसल अवशेष नरवाई जलाने से भूमि में उर्वरा शक्ति पोषक तत्व एवं सूक्ष्म जीवाणुओं की कमी हो जाती है। फसल कटाई के बाद फसल अवशेषों से जैविक खाद बनाने या फसल अवशेषों को रोटावेटर से जुताई कर एक पानी लगा देने से फसल अवशेष मिट्टी में मिल जाते हैं तथा सड़कर जैविक खाद बन जाती है जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि तथा लागत में कमी होती है। यह प्रशिक्षण प्राचार्य इंद्र कुमार पटेल के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक मंजू द्विवेदी तथा विवेक चौबे के सहयोग से दिया जा रहा है।