रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। श्री रामलीला महोत्सव में आज दशहरा मैदान लीला में बताया रावण को जब पता चलता है कि उसके पुत्र इंद्रजीत ने लक्ष्मण को ब्रह्मास्त्र मारकर घायल कर दिया है तो बहुत प्रसन्न होता है। और इस तरह राम रावण युद्ध के अगले दिवस श्री राम से युद्ध करने के लिए रावण अपने भाई कुंभकरण को भेजने का निर्णय लेता है ।और कुंभकरण को गहरी नींद से उठाकर रावण सारी कथा बताता है। कुंभकरण अपने भाई रावण से कहता है कि तूने जगदंबा का हरण करके अच्छा नहीं किया। युद्ध के मैदान में कुंभकरण की भेंट अपने छोटे भाई विभीषण से होती है । कुंभकरण विभीषण को कहता है कि भाई तू धन्य है जो श्री राम की शरण में है ,कुंभकरण को आभास हो जाता है कि श्रीराम एक दिव्य पुरुष ,एक दिव्य शक्ति है , उनको कोई हराना संभव नहीं है ,किंतु रावण की कहने पर कुंभकरण सोचता है कि श्री राम लक्ष्मण के हाथों मर कर मोक्ष पाना ही उचित रहेगा और इस तरह कुंभकरण युद्ध के मैदान में आकर वानर सेना को तहस-नहस करने लगता है। अंत में श्री राम स्वयं आकर कुंभकरण से मुकाबला करते हैं और अपने बाणों से उस पर प्रहार करना प्रारंभ करतें हैं। भगवान श्री राम की दोनों भुजाओं को अपने बाणों से काटते हैंऔर अंत में बाण से कुंभकरण सिर काट कर उसका वध कर देते हैं। कुम्भकरण के विशाल पुतले का दहन अग्निबाण चला कर किया गया
लीला में श्री राम की भूमिका प्रतीक दुबे लक्ष्मण की अक्षय मिश्रा , सीता सम्पूर्ण चतुर्वेदी , रावण की सुभाष परसाई हनुमान की भूमिका दीपेश व्यास जामवंत की मनोज दुबे ,कुम्भकरण , विभीषण की पुनीत पाठक ने भूमिका निभाई । 23 अक्टूबर सोमवार को रामलीला मैदान में भगवान श्रीराम रावण युद्ध में मेघनाद वध की लीला की मैदानी प्रस्तुति की जाएगी।