विदिशा जिला ब्यूरो मुकेश चतुर्वेदी
गंज बासौदा यशवंत सुमन निवासी सुधा अस्पताल के पास, बासौदा के मकान के ऊपर वाले कमरे में देवेन्द्र अहिवार पत्नी सहित किराये से रहता था। दिनांक 09.01.2020 को सुरेन्द्र अहिरवार के साथ आशीष अहिरवार, देवेन्द्र अहिरवार के घर पर आया था, सुरेन्द्र अहिरवार वापस चला गया था तथा दिनांक 10.01.2020 के दोपहर 01:30 बजे किरायेदार देवेन्द्र की आपस में लडाई-झगड़े व जोर-जोर से चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं, तब यशवंत सुमन उसकी मां मनीषा सुमन के साथ ऊपर गया तो देवेन्द्र अहिरवार का कमरा अंदर से बंद था। यशवंत सुमन व उसकी मां ने किरायेदार देवेन्द्र को आवाज लगायी व दरवाजा खटखटाया, किसी ने दरवाजा नहीं खोला, तब यशवंत ने थाने में सूचना दी। पुलिस के आने पर दरवाजा तोड़ा गया तो उसने देखा कि आशीष अहिरवार उम्र करीब 15-16 वर्ष मृत अवस्था में पड़ा था व खून सिर में पीछे की तरफ से व गले में से निकलकर कमरे में फैला पड़ा था, मृतक का गुप्तांग भी कटा जैसा दिख रहा था। कमरे के अंदर देवेन्द्र व उसकी पत्नी किरन अपने बच्चों के साथ ही कमरे में मिली। देवेन्द्र व किरन अहिरवार ने मिलकर हंसिये व चाकू से आशीष अहिरवार को गंभीर चोंटे पहुंचा कर उसकी हत्या कर दी थी। सूचनाकर्ता यशवंत सुमन द्वारा लिखवायी गई उक्त देहाती नालसी 0/20 धारा 302, 34 दं.प्र.सं. के अंतर्गत लेखबद्ध की गई, तदोपरांत अभियुक्तगण के विरुद्ध असल अपराध क्रमांक 23 / 20 अंतर्गत धारा 302, 34 भा.दं.वि. की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
आज दिनांक 18.10.2023 को माननीय तृतीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्री डी.एस. परमार द्वारा मृतक आशीष अहिरवार की हत्या के आरोप में शासन की ओर से पैरवी कर रहे डॉ. अखिलेश लाहौरी के तर्कों व साक्ष्य से सहमत होते हुये आरोपीगण देवेन्द्र अहिरवार व उसकी पत्नि किरण अहिरवार को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 सहपठित धारा 34 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध के आरोप में आजीवन कारावास एवं 5,000-5,000 /- रुपये (पांच-पांच हजार रुपये) के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया तथा अर्थदण्ड अदा न करने की स्थिति में अभियुक्तगण को व्यतिक्रम में 03-03 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताये जाने हेतु आदेशित किया गया।