*अंकित नेमा की रिपोर्ट-नरसिंहपुर*
खबर मध्य प्रदेश परमहंसी गंगा आश्रम झौतेश्वर से है जहां पर ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज का 14 दिवसीय जन्म शताब्दी महोत्सव का शुभारम्भ- आगामी भाद्रपद शुक्ल तृतीया से आश्विन कृष्ण द्वितीया तदनुसार दिनाक 18 सितम्बर से 1 अक्टूबर 2023 ई तक परमहंसी गंगा आश्रम में 14 दिवसीय जन्म शताब्दी समारोह आयोजित किया जाएगा भगवत्पाद आद्य शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार पीठों में से दो, ज्योतिष्पीठ और द्वारिका शारदापीठ को अपने गरिमामय आचार्यत्व से सुशोभित करने वाले ब्रह्मलीन पूज्यपाद अनंत श्रीविभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज को कौन नहीं जानता वर्ष 1924 से लेकर विगत 2022 तक वे इस भूमि को अपनी दिव्य उपस्थिति से आलोकित करते रहे और सनातन धर्म के तेजस्वी सूर्य हक्कवफ्र से संपूर्ण सनातनी जगत का मार्गदर्शन करते रहे।
आगामी भाद्रपद शुक्ल तृतीया को इस दिव्य विभूति की 100 वीं जयन्ती है। श्रीविद्यार्णव तन्त्र नामक ग्रन्थ में उल्लिखित है कि अपने गुरु का जन्मोत्सव उत्सव रूप में शिष्यों को आयोजित करना चाहिए। इसी शास्त्रवचन को आधार बनाकर हम सभी गुरुभक्त ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जी महाराज का जन्म शताब्दी समारोह आयोजित करने जा रहे हैं। इन समस्त आयोजनों में आप सभी सादर आमन्त्रित हैं।
यह आयोजन ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जी महाराज की पावन जन्म जयन्ती अर्थात् भाद्रपद शुक्ल तृतीया से आरम्भ होकर आश्विन कृष्ण द्वितीया अर्थात् समाराधना दिवस तक चलेगा।
विविध धार्मिक अनुष्ठान-
भाद्रपद शुक्ल तृतीया तदनुसार 18 सितम्बर 2023 ई को परमहंसी गंगा आश्रम स्थित सभी देवस्थलों में पूजन व अभिषेक आदि धार्मिक अनुष्ठान आयोजित होंगे। इन समस्त आयोजनों में वर्तमान ज्योतिष्पीठाधीश्वर जी महाराज की पावन उपस्थिति रहेगी। समस्त कार्यक्रम ज्योतिष्पीठ पं आचार्य रविशङ्कर द्विवेदी जी ज्योतिष्पीठ शास्त्री धर्मशास्त्रपुराणेतिहासाचार्य श्री राजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी जी एवं आचार्य पं शिक्षक राजकुमार शास्त्री होंगे। श्री गुरु परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामीश्री अविमुकेश्वरानंद सरस्वती 1008 ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जी महाराज के समाधि स्थल पर अष्टोत्तर शत नामावली से अर्चन एवं अभिषेक करेंगे। उसके बाद पराम्बा भगवती राजराजेश्वरी मंदिर के प्रांगण में स्थित नित्य देवी मंदिर में सहस्त्रार्चन करेंगी। प्रतिदिन परमाराध्य जी द्वारा दैनिक यज्ञ अनुष्ठान किया जायेगा।
निकलेगी द्विपीठाधीश्वर जी महाराज की रथयात्रा-
भाद्रपद शुक्ल तृतीया तदनुसार दिनाङ्क 18 सितम्बर को ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जी महाराज के समाधि स्थल से मेला ग्राउण्ड स्थित प्रवचन स्थल तक रथयात्रा का आयोजन होगा जिसमें शङ्कराचार्य जी महाराज के शिष्य एवं नरसिंहपुर जिले के भक्तगण उपस्थित रहेंगे।
प्रतिदिन आयोजित होंगे विविध कार्यक्रम-
प्रतिदिन सायं 3-30 बजे से मंच पर विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे जिनमें शङ्कराचार्य नाटक, धार्मिक नृत्य एवं
जगद्गुरु स्मृति सन्ध्या का आयोजन होगा। काशी एवं भोपाल से पधारे कलाकारों द्वारा मनमोहक भजनों की
प्रस्तुति होगी ओका लार्क्स डीएस इज़ोपू जीकेएसएएक्सए
अग्निपीठाधीश्वर जी की रहेगी विशेष उपस्थिति-
यह अत्यन्त गौरव की बात है कि ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जी महाराज के कृपापात्र शिष्य अग्निपीठ के आचार्य महामण्डलेश्वर के पद को सुशोभित कर रहे हैं। जन्म शताब्दी समारोह में उनकी विशेष उपस्थिति रहेगी और उपस्थित भक्तों को उनके आशीर्वचन का लाभ प्राप्त होगा।
शंकराचार्य सेवा सम्मान-
शङ्कराचार्य जी महाराज के लिए समर्पित भाव से सेवा करने वाले अनेक लोग पूरे देश भर में विद्यमान हैं जिनकी गिनती कर पाना कठिन है। परन्तु फिर भी कुछ ऐसे विशिष्ट लोग हैं जिनका पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी महाराज से बहुत गहरा जुडाव था और जो महाराज जी के प्रत्येक लोकोपकारी कार्य में बढ़-चढ़कर भाग लेते थे ऐसे विशिष्ट लोगों को पीठ की ओर से शङ्कराचार्य सेवा सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
चातुर्मास्य सेवा सम्मान-
शंकराचार्य पद ग्रहण करने के बाद परमपूज्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु
शंकराचार्य स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरसस्ति 1008 को प्रथम चातुर्मास्य ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर
जी महाराज के तपःस्थली का चयन किया। इस स्थान पर चातुर्मास्य होने पर क्षेत्र के अनेक आस्तिक जनों ने अपना सहयोग दिया जो अमूल्य है। इस चातुर्मास्य व्रत महोत्सव में निःस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले विशिष्ट जनों को चातुर्मास्य सेवा सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
शंकराचार्य पत्रकारिता पुरस्कार-
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जी महाराज की पावन जयंती पर ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम हिमालय द्वारा शंकराचार्य पत्रकारिता पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
विद्वत्सभा का होगा आयोजन-
जन्म शताब्दी समारोह
विद्वत्सभा का आयोजन किया जाएगा जिसमें काशी सहित देश भर के संस्कृत भाषा एवं पारम्परिक विद्याओं के विद्वान् उपस्थित रहेंगे। पीठ की ओर से इन सभी को सम्मानित किया जाएगा।
समाराधना में 1600 ब्राह्मणों की रहेगी उपस्थिति-
धर्मशास्त्रों के अनुसार जब किसी संन्यासी की समाराधना होती है तो 16 ब्राह्मणों का भोजन कराया जाता है। परमहंसी गंगा आश्रम में विगत एक वर्ष से द्विपीठाधीश्वर जी महाराज की प्रत्येक मासिक समाथाधना में क्षेत्र के विभिन्न 1600 ब्राह्मणों को भोजन व वस्त्रदान आदि किया जाता रहा है। अब आगामी आश्विन कृष्ण द्वितीया तदनुसार दिनाङ्क 1 अक्टूबर 2023 ई- को ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जी महाराज की वार्षिक समाराधना के आयोजन में पूज्यपाद महाराज जी से जुड़े देश भर के 1616 विशिष्ट ब्राह्मणों को आमन्त्रित किया गया है।
दो वर्तमान शंकराचार्यों को मिलेगा दिन का सान्निध्य- जन्म शताब्दी समारोह में वर्तमान दो पीठों ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर जी महाराज का दिव्य सान्निध्य मिलेगा। पूज्यपाद अनंत श्रीविभूषित पश्चिमाम्नाय द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री सदानंद सरस्वती जी महाराज अपना प्रथम चातुर्मास्य व्रत पूरा कर द्वारका धाम से परमहंसी लौटेंगे।