पटेल के खिलाफ 4.68 लाख की वसूली एवं चुनाव लड़ने से 6 वर्ष के लिए पृथक कर दिया गया था : पार्थ साहू के तर्कों को हाई कोर्ट ने किया मान्य
रिपोर्टर सीमा कैथवास
इटारसी/ जबलपुर । नर्मदापुरम के ग्राम सोना सावरी ग्राम की सरपंच प्रीति पटेल को एडीएम एवं सीईओ जिला पंचायत नर्मदापुरम द्वारा मध्य प्रदेश ग्राम पंचायत तथा ग्राम स्वराज अधिनियम के अंतर्गत 4.68 लाख की वसूली और 6 वर्ष के लिए चुनाव नहीं लड़ने के जारी आदेश को मा.उच्च न्यायालय जबलपुर की एकल पीठ के न्यायाधीश मा. श्री विवेक अग्रवाल जी ने निरस्त कर दिया है उक्त आशय की जानकारी अधिवक्ता ऐश्वर्या पार्थ साहू ने दी। श्री साहू ने बताया कि प्रीति पटेल को हटाने के पूर्व न ही इंक्वारी रिपोर्ट प्रदान की गई और ना ही उस पर सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिया गया,इसे माननीय उच्च न्यायालय ने नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के विरुद्ध मानते हुए एडीएम नर्मदापुरम द्वारा पारित आदेश को आर्बिट्रेरी मानते हुए नेचुरल जस्टिस का कंप्लायंस नहीं किए जाने के कारण निरस्त कर दिया है। उल्लेखनीय है कि 22 फरबरी 2022 को प्रीति पटेल के विरुद्ध गबन के मामले में जिला पंचायत सीईओ/एडीएम द्वारा आदेश पारित किया गया था। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि इंक्वारी रिपोर्ट की प्रति प्रीति पटेल को इंक्वारी रिपोर्ट को साक्ष्यों के साथ दे तथा 15 दिवस का स्पष्ट समय दें ताकि वह अपना पक्ष रख सके। इस तरह प्रीति पटेल को उच्च न्यायालय से राहत मिल गई है।