रिपोर्टर सीमा कैथवास
उपसंचालक एसटीआर संदीप फेलोज ने किया मौका स्थल का निरीक्षण,डॉग स्क्वाड द्वारा कराई गई जांच,सवाल मिला बाघ का सिर , शिकार हुए टाइगर का ही है…..?
नर्मदापुरम। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अंतर्गत चूरना परिक्षेत्र के डबरा बिट में 25 जून को हुए बाघ शिकार प्रकरण में सतपुडा टाइगर रिजर्व एवं एस.टी.सी.एफ. जांच दल द्वारा निरंतर वनक्षेत्र, राजस्व क्षेत्र एवं ग्रामों में गश्ती एवं पूछताछ की जा रही है। इस प्रकरण में स्थानीय पुलिस के सहयोग लिया जा रहा है। 6 जुलाई को सुबह 06 बजे बीटगार्ड ग्राम धासई नारायण प्रसाद लोधी एवं सुरक्षा श्रमिक धासई नाके से गश्ती के लिए धांसई- भीमकुण्ड रोड पर रवाना हुए। रास्ते में नाके से लगभग 200 मीटर की दूरी पर गुड्डी नाले पर बने रपटे के ऊपर मांस का बड़ा टुकडा दिखाई दिया, जिसे दो कुत्ते पकड़ कर खा रहे थे। बीट गार्ड के द्वारा कुत्तों को भगाकर मांस के टुकडे को देखा गया तो वह टाइगर का कटा हुआ सिर था, जिसकी खाल सड़ चुकी थी। सिर की हड्डी पर मांस लगा हुआ था एवं केनाईन पास में पड़े पाए गए। वह स्थल बफर रेंज के कक्ष क्रमांक 436 एवं राजस्व की सीमा पर पड़ता है। कटे हुए सिर को चारों ओर पत्थर लगाकर सुरक्षित किया गया एवं इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई।
उपसंचालक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व नर्मदापुरम् संदीप फैलोज, अधीक्षक बोरी अभ्यारण्य इटारसी एवं परिक्षेत्र अधिकारी तथा बफर ने तत्काल मौके पर पहुंचकर स्थल का निरीक्षण किया। टाइगर के पाए गए कटे हुए सिर एवं अन्य अवयवों को जप्त किया गया। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व एवं रातापानी के डॉग स्क्वाड को घटना स्थल पर बुलाकर संदिग्ध की जांच कराई गई। डॉग स्क्वाड के द्वारा धांसई ग्राम के कुछ स्थलों को चिन्हित किया गया। जिसकी विवेचना की जा रही है। वन्यप्राणी चिकित्सक रातापानी को बुलाकर पाए गए मृत टाइगर के सिर का परिक्षण किया गया एवं माप ली गई। बाल, मांस आदि अन्य के सेम्पल लेकर सील किया गया। कटे हुए सिर एवं अन्य सेम्पल को वाइल्ड लाइफ फोरेंसिक एण्ड हेल्थ सेंटर जबलपुर को अग्रिम परिक्षण हेतु प्रेषित किया गया। प्रकरण में आगामी विवेचना जारी है।
मीडिया की सुर्खियों से मचा बवाल,उठ रहे सवाल…?
मीडिया में यह खबर आने के बाद की कटे हुए बाघ का सिर मिला है और यह सिर वही क्षत-विक्षत हुए मृत बाघ के शव का ही है जिसे पिछले दिनों सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में शिकार होने की पुष्टि हुई थी। मीडिया में यह मामला इतना मच गया कि इस पर वन्य प्राणी की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने लगे ? तब जाकर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के जिम्मेदार अधिकारियों के सर पर जूं रेंगी और अचानक फिल्मी अंदाज में पिछले दिनों शिकार हुए मृत बाघ के शव से सिर गायब हुए का मिलना अद्भुत ही प्रतीत हो रहा है । अब शिकार हुए बाघ का डीएनए और आज पाए गए सिर का डीएनए रिपोर्ट के आधार पर ही खुलासा हो सकेगा कि उक्त शएल प्राप्त सिर शिकार हुए बाघ का ही है…? फिलहाल उक्त मामला सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के जिम्मेदार अधिकारियों की गले की फांस बना हुआ है ,सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में शिकार हुए बाघ के सिर को ढूढना। उक्त घटना में देखते हैं कि आखिर जांच में क्या खुलासा होंगा…।