अपने अभिभावकों को खो चुके करीब 2 दर्जन से अधिक असहाय बच्चों सहित केंद्र और प्रदेश शासन की अन्य बाल योजनाओं के तहत लाभान्वित बच्चों ने आज कटनी जिले के ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के शैल चित्रों का अवलोकन किया। कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद के साथ ये बच्चे जब झिंझरी स्थित चितरंजन शैल वन क्षेत्र पहुंचे तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। हरे भरे पेड़ों और झाड़ियों के बीच चट्टानों और गुफाओं में हजारों वर्ष पूर्व उस वक्त के मानवों द्वारा बनाए गए शैल चित्रों को देखकर बच्चे अचरज से भर उठे। वन विभाग के गाइड द्वारा बच्चों को शैल चित्र से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई, जिससे बच्चों का ज्ञानवर्धन भी हुआ। साथ ही गाइड ने शैल चित्रों से संबंधित कलेक्टर श्री प्रसाद और बच्चों के जिज्ञासा भरे प्रश्नों का जवाब भी दिया और उन्हें चितरंजन शैल वन संरक्षित और स्थापित किए जाने के संबंध में रोचक जानकारी भी दी।
हाथी, हिरण और पंजे के निशान
उल्लेखनीय है कि पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन, कोविड 19 बाल सेवा योजना और मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के बाल हितग्राहियों को कलेक्टर अवि प्रसाद की विशेष पहल पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले के पर्यटन स्थल का भ्रमण कराया जा रहा है। इसी की शुरुआत आज चितरंजन शैल वन भ्रमण के साथ हुई, जिसमें बच्चों के साथ स्वयं कलेक्टर श्री प्रसाद, महिला एवं बाल विकास अधिकारी नयन सिंह, मनीष तिवारी, वनश्री कुर्वेती और वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी और इन बच्चों के संरक्षक मौजूद रहे। बच्चों के साथ कलेक्टर श्री प्रसाद भी बाल सुलभ बातें करते, उनका उत्साहवर्धन करते और बच्चों से घुल मिलकर उनके जिज्ञासा भरे प्रश्नों का उत्तर देते नजर आए। कलेक्टर श्री प्रसाद ने बताया कि ऐसे बच्चों की न सिर्फ आर्थिक सहायता करना बल्कि उन्हें उनके अभिभावकों की तरह स्नेह, दुलार और संरक्षण प्रदान करना भी हमारा प्रयास है और इन्हीं प्रयासों के तहत ये भ्रमण कार्यक्रम रखा गया था।
1 अक्टूबर से सभी के लिए खुलेगा शैल वन
चितरंजन शैल वन भ्रमण के बाद कलेक्टर श्री प्रसाद और डीएफओ गौरव शर्मा ने संयुक्त रूप से इस शैल वन को 1 अक्टूबर से आम जनता के लिए खोलने का निर्णय लिया है। टास्क फोर्स की बैठक में कलेक्टर श्री प्रसाद एवम् डीएफओ गौरव शर्मा ने इसकी रूपरेखा तैयार करने के लिए वन अमले को निर्देशित किया। कलेक्टर श्री प्रसाद ने जिले में वन पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए ईको टूरिज्म हट बनाए जाने पर जोर देते हुए इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने पर भी जोर दिया। उन्होंने डीएफओ गौरव शर्मा से कहा कि ईको टूरिज्म हट के लिए वन विभाग ऐसे क्षेत्र का चयन करे जो पर्यटन के क्षेत्र के लिए उपयुक्त हो , साथ ही इससे स्थानीय रहवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजन हो सके। कलेक्टर श्री प्रसाद और डीएफओ श्री शर्मा के संयुक्त निर्णय उपरांत वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वन विभाग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नव सृजन के कार्यों का चयन करें, साथ ही नगर वन को विकसित किया जाए। बैठक में डीएफओ गौरव शर्मा, खनिज अधिकारी संतोष सिंह, आदिम जाति कल्याण अधिकारी पूजा द्विवेदी, एसडीओ वन सुरेश बरौल, रेंज ऑफिसर कटनी नवी अहमद खान आदि मौजूद रहे।