रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम । जिला मुख्यालय नर्मदापुरम में रविवार सुबह साढ़े 6 बजे होमगार्ड कार्यालय के पीछे की रोड पर चलती कार पर मोटरसाइकिल सवार युवकों द्वारा गोलीकांड की घटना के मामले में पुलिस अधीक्षक डॉ गुरकरन सिंह के निर्देशन में एसडीओपी पराग सैनी के नेतृत्व में सिटी कोतवाली टीआई विक्रम रजक द्वारा की गई जांच में ही फर्जी साबित हो गया है। सोमवार दोपहर पुलिस अधीक्षक डॉ गुरकरन सिंह ने एसडीओपी पराग सैनी और सिटी कोतवाली टीआई विक्रम रजक के साथ थाना कोतवाली में पत्रकार वार्ता कर इस फर्जी गोलीकांड का खुलासा कर दिया है। एसपी डॉ.सिंह ने बताया कि
नर्मदापुरम में रविवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे तीन युवकों द्वारा पुलिस लाइन चौराहे के पास होमगार्ड कार्यालय के पीछे वाली रोड पर विवेकानंद घाट के पास निवासी कार सवार युवक शिवम तिवारी पर गोली मारने की घटना हुई थी। पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीओपी पराग सैनी के नेतृत्व में कार्यवाही सहित जांच की जवाबदारी सौंपी थी। घटना के उपरांत से ही पुलिस को मीडिया से मिल रहे फीडबैक और घटना के मौजूदा स्थल पर संदेह हो गया था। उसके बावजूद घटना की गम्भीरता को देखते हुए ज़िला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती घायल युवक शिवम तिवारी के बयानों के आधार पर सिटी कोतवाली पुलिस ने तत्काल प्रकरण क्रमांक 457/ 23 आरोपी पूर्णेश शर्मा, साजन राजपूत और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 व 34 के तहत मामला कायम कर जांच में लिया। जिसमें यह बात भी सामने आई कि घटना के दौरान एक आरोपी साजन राजपूत शहर में ही नहीं था, इसी प्रकार बिल्डर हरिशंकर शर्मा के अनुसार उनका बेटा पूर्णेश शर्मा घर पर ही था और उसके वीडियो फुटेज भी उपलब्ध थे। इस प्रकार पुलिस ने अपनी जॉच में करीब 20 स्थानों के सीसीटीवी फुटेज कलेक्ट किए और इसके अलावा अन्य साक्ष्य एकत्र किए। जिसमें इस बात का खुलासा हुआ कि गोलीकांड में घायल फरियादी युवक शिवम तिवारी ने अपनी मां और दोस्तों के साथ मिलकर गोलीकांड की साजिश रची और शिवम् अपने विरोधियों को इस साजिश के माध्यम से गोलीकांड में फसाना चाहता था। एसपी डॉ. सिंह ने बताया कि नर्मदापुरम के अपराधिक रिकॉर्ड में चंबल जैसे गोलीकांड की वारदात सामने नहीं आई है क्योंकि युवक अपराधी प्रवृत्ति का होने से उसके द्वारा अपने विरोधियों को साजिशन फंसाने के लिए इस प्रकार की घटना को अंजाम दिया गया। जो पुलिस जांच में झूठी साबित हुई है। पुलिस को मिले साक्ष्य के अनुसार शिवम तिवारी की कार का घटना की रात करीब साढ़े 3 बजे नारायण नगर पुलिया के पास एक्सीडेंट हुआ था। जिसके बाद उसने गोलीकांड की साजिश रची। उसने अपने दो दोस्तों को बुलाया और उसे गोली मारने को कहा परंतु वह तैयार नहीं हुए। जिसके उपरांत वह घर में जाकर पहले स्वयं को गोली मारी और फिर घटनास्थल पर दुर्घटनाग्रस्त कार को लाकर खड़ा किया और दोस्तों के साथ पूरी घटना को अंजाम दिया। इस मामले में पुलिस ने उसके साथी ड्राइवर आकाश पांडे और शिरीष गौरव को पकड़ा जो साक्ष्यों को सामने लाने के बाद पुलिस के सामने टूट गए और पूरी फर्जी घटना को कबूल किया। अब पुलिस इस बात की खोजबीन कर रही है कि आरोपियों द्वारा जो पिस्टल उपयोग की गई है,वहां किस प्रकार उपयोग की गई है? जॉच में यह बात भी हुआ है कि कार के अंदर से गोली बाहर मारी गई है और साथ ही जो बयान दर्ज कराए गए थे वह भी सही नहीं साबित हो पाए। घटना के बाद से ही शिवम तिवारी की मां द्वारा भी बार-बार बयान का बदलना भी घटना पर संदेह व्यक्त कर रहा था। एसपी डॉ सिंह ने बताया कि पुलिस में झूठी कहानी बनाकर एफआईआर दर्ज करने के मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 182,211,197 के तहत कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल जांच अभी जारी है।