रिपोर्टर शैलेश पाठक
कटनी जिले के बारे में नित नई रोचक जानकारी से भरपूर “कटनी को जानें” प्रतियोगिता के तहत इन दिनों प्रतिभागी कटनी जिले के कृषि लोक पर्व और त्योहारों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर रहे हैं। 29 मई की तरह 30 मई की प्रतियोगिता में भी प्रतिभागियों को इस संबंध में नई नई जानकारियां प्राप्त हुई। प्रतिभागियों ने कटनी की लोक पर्व परंपरा को बारीकी से जाना।
*पर्वों में बसती है कटनी की धड़कन*
कटनी जिले के कृषि लोक पर्व और त्योहारों की परंपरा बहुत पुरानी और गौरवशाली रही है। मध्य भारत का हिस्सा होने के कारण यहां पर यहां के स्थानीय तीज त्योहारों सहित देश के विभिन्न अंचलों के पर्वों की झलक दिखाई देती है। लोकपर्व कटनी की धड़कन कहे जा सकते हैं। यहां हरछठ, संतान सातें, कृष्ण जन्माष्टमी, गौ द्वादशी, हरितालिका, शरद पूर्णिमा जैसे तीज त्यौहार बड़े ही उत्साह से मनाए जाते हैं और यही विषय है कटनी को जानें प्रतियोगिता के अंतर्गत 30 मई की प्रतियोगिता का।
*देश भर में ख्याति अर्जित कर रही प्रतियोगिता*
कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद की विशेष पहल पर रेडक्रॉस सोसायटी और इनटेक चैप्टर कटनी के सहयोग से जिला प्रशासन द्वारा आयोजित यह ऑनलाइन प्रतियोगिता पूरे देश में अपनी एक विशेष पहचान बना चुकी है और कटनी जिले के गौरवशाली इतिहास और विविधताओं को नए सिरे से गढ़ रही है। जिसमें रोजाना हजारों प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। 29 मई को कटनी जिले के कृषि लोक पर्व और त्यौहार पर आयोजित प्रतियोगिता में 10 आसान प्रश्नों का सही उत्तर देकर और कंप्यूटर सिस्टम द्वारा रेंडमली चुने जाकर चार प्रतिभागियों ने विजेता होने का गौरव हासिल किया। उनमें नेहा मौर्य कुठला कटनी प्रथम और गोपाल मनोचा माधवनगर द्वितीय रहे। जबकि कटनी से सैकड़ों किलोमीटर दूर बसे जिलों मंदसौर के सोनू ने तृतीय और नर्मदापुरम के अमित पटेल ने चतुर्थ स्थान हासिल किया।