मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना- 2023 के तहत पात्र किसानों से आवेदन प्राप्त करने का कार्य रविवार से जिले की सहकारी समितियों में प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम में उपस्थित कृषकों को योजना के बारे में विस्तार से बताया। कृषकों को शीघ्रता से आवेदन प्रस्तुत करने के लिये प्रेरित किया गया गया।
सांसद श्री राव उदय प्रताप सिंह के मुख्य आतिथ्य में बरमान में मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि सहकारी समितियों के माध्यम से फसल ऋण लेने वाले जिले के 16364 कालातीत किसानों का लगभग 51 करोड 46 लाख रूपये ब्याज माफ किया जाना प्रस्तावित है। कार्यक्रम में सांसद श्री सिंह ने कहा कि किसानों के हित में राज्य शासन द्वारा लिये गये इस निर्णय की सराहना करते हुये किसानों का आव्हान किया कि वे अपने आवेदन शीघ्रता से जमा करें, जिससे उन्हें योजना का लाभ मिले और पूर्व की भांति समितियों से खाद-बीज सहित अन्य लाभ प्राप्त कर सकें।
कार्यक्रम में सांसद श्री सिंह को चांवरपाठा समिति के किसान मुलाम ने आवेदन सौंपकर खुशी जताई। उन्होंने बताया कि लगभग 5 वर्ष पूर्व समिति से 41 हजार रूपये का फसल ऋण लिया था, किसी कारण वश समय पर ऋण अदा ना करने से इस राशि का 26 हजार रूपये से ज्यादा ब्याज लग गया है। अब उम्मीद है इस योजना से ब्याज राशि माफ हो जावेगी और हम समिति से पूर्व की भांति लेन-देन कर सकेंगे।
सहकारी बैंक महाप्रबंधक श्री केके रायकवार ने योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्याज माफी के लिये पात्र किसानों की सूची संबंधित सोसायटी में चस्पा कर दी गई है। किसान सोसायटी से निशुल्क आवेदन प्राप्त कर जमा करें। ब्याज माफी का लाभ मिलने के उपरांत किसान को सोसायटी से लेन-देन की पात्रता हासिल हो जावेगी।
योजना के जिला स्तर पर क्रियान्वयन के लिये कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित की गई है। इस समिति में उप संचालक कृषि, उप आयुक्त सहकारिता सदस्य होंगें। साथ ही सहकारी बैंक महाप्रबंधक संयोजक होंगे। कलेक्टर एवं बैंक प्रशासक सुश्री ऋजु बाफना ने निर्देशित किया है कि योजना का व्यापक प्रचार- प्रसार कर पात्रों को लाभ दिलाया जाना सुनिश्चित करें। प्रचार के लिये दीवार लेखन तथा गांव में डोंडी पिटवाकर किसानों को जानकारी दी जाये।
जिला स्तरीय कार्यक्रम में पूर्व विधायक श्री भैयाराम पटैल, जिला पंचायत सदस्य श्री धनंजय पटैल, श्री विश्वनाथसिंह पटैल, डॉ. हरगोविंद सिंह, ठा. राजीव सिंह, श्री रामनारायण सोनी, श्री अशोक भार्गव, श्री विजेन्द्र पटैल, श्री प्रताप कौरव, श्री विष्णु शर्मा, श्रीमती सरोज पटैल, लक्ष्मी साहू, श्री हेमेंद्र शुक्ला, राव गजराज सिंह, श्री नरेश पांडे, श्री रमेश पटैल, श्री अरविंद पटैल, श्री अविनाश भाउ, अन्य जनप्रतिनिधि, कृषक, समितियों के अधिकारी- कर्मचारी और नागरिक मौजूद थे।