रिपोर्टर मुकेश चतुरवेदी
विदिषा। (गंजबासौदा) माननीय न्यायालय श्रीमती नीलम मिश्रा द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीष/विषेष न्यायाधीष (पॉक्सो) तहसील-गंजबासौदा, जिला-विदिषा ने अपने निर्णय दिनांक 18.04.2023 को अभियुक्त/दुराचारी पिता को भादवि की धारा 376(3) एवं 5एल/6, 5एन/6, 5(जे)(।।)/6 पॉक्सों अधिनियम में आजीवन कारावास की सजा (षेष प्राकृतिक जीवनकाल के लिए) से दण्डित किया। उक्त प्रकरण में पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी/एसपीओ दिनेष कुमार असैया द्वारा की गई।
घटना का संक्षिप्त विवरणः- अभियोक्त्री ने थाने में उपस्थित होकर एक लेखीय आवेदन थाना शमषाबाद में पेष किया था उक्त आवेदन पर से थाना शमषाबाद में अपराध क्र. 344/2020 पंजीबद्ध हुआ था। अनुसंधान के दौरान अभियोक्त्री की चिकित्सीय परीक्षण एवं डीएनए रिपोर्ट के आधार पर अभियोक्त्री/पीडिता के बच्चे का जैविक पिता ही होना प्रमाणित पाया गया। संपूर्ण अनुसंधान पष्चात अभियोग पत्र संबंधित धारा तथा पॉक्सो अधिनियम की धारा में माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।
माननीय न्यायालय में विचारण उपरांत पीड़िता व साक्षीगणों के कथन न्यायालय के समक्ष कराए गए थे। पीडिता/अभियोक्त्री के द्वारा अपने न्यायालयीन कथन में घटना का समर्थन नहीं किया व पक्षद्रोही रही। उक्त प्रकरण में पीडिता की मां के द्वारा घटना का समर्थन किया गया था तथा डीएनए रिपोर्ट से भी प्रमाणित हुआ था कि आरोपी ही पीडिता के बच्चे का जैविक पिता है।ं उपलब्ध साक्ष्य तथा एडीपीओ दिनेष असैया के तर्क से सहमत होकर, अभियुक्त/दुराचारी पिता को दोषसिद्ध पाते हुए भादवि धारा 376(3) एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 5एल/6, 5एन/6, 5(जे)(।।)/6 मंे आजीवन कारावास की सजा (षेष प्राकृतिक जीवनकाल के लिए) एवं कुल 40,000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण के शीघ्र निराकरण हेतु आरक्षक रीतेष तिवारी द्वारा पूर्ण सहयोग प्रदान किया गया तथा साथ ही पीडिता को 5 लाख रूपए की प्रतिकर की राषि भी दिए जाने के निर्देष दिए गए है।
(सुश्री गार्गी झा)
मीडिया सेल प्रभारी
जिला विदिषा