संवाददाता-भूनेश्वर केवट
*मामले को दबाने को लेकर पुलिस पीड़ित के ऊपर f.i.r. करने की दे रही धमकी*
बीती रात्रि मंडला जिले के नैनपुर विकासखंड के ग्राम पिंडरई का मामला सामने आया जहां नैनपुर नगर के प्रतिष्ठित व्यापारी सुनील खंडेलवाल एवं उनके पुत्र मालन वाडा से व्यापारिक काम कर लौट रहे थे तभी पिंडरई में चल रहे क्रिकेट टूर्नामेंट मैदान के सामने पिंडरई चौकी में पदस्थ 2 पुलिसकर्मी आरक्षक रंजीत एवं प्रधान आरक्षक ओंकार नशे की हालत में गाड़ी रोक कर सुनील खंडेलवाल एवं पुत्र के साथ बेरहमी से मारपीट की जिसके बाद मौके पर खड़े लोगों ने मारपीट को रोकने का प्रयास किया तभी सुनील खंडेलवाल की हालत गंभीर हो गई जिसकी जानकारी नैनपुर में परिवारजनों को दी गई जानकारी लगते ही परिवार जन मौके पर पहुंचे जिसके बाद देखा कि पिंडरई चौकी में पदस्थ प्रधान आरक्षक ओंकार एवं आरक्षक रंजीत के द्वारा सुनील खंडेलवाल का मोबाइल छीन लिया गया कहां गया कि मोबाइल में वीडियो बना रहे हो यह कहकर बेरहमी से मारपीट की गई थी इसके बाद मौके पर नैनपुर थाना प्रभारी एवं अन्य स्टाफ मौके पर पहुंचा और मामले को शांत कराया लेकिन मामले में शांत नहीं हुआ परिवार जनों के द्वारा सुनील खंडेलवाल को नैनपुर सिविल अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद भर्ती कराया गया जहां करीब 2 घंटे भर्ती रहने के बाद परिवार एवं अन्य सामाजिक एवं व्यापारी लोगों ने पुलिस पर दबाव बनाया जिसके बाद पुलिस आरक्षक रंजीत एवं प्रधान आरक्षक ओम प्रकाश को मौके पर लेकर आई एवं मुलहाजा कराया। वही रात्रि करीब 3:00 ड्यूटी में पदस्थ डॉ पंकज चौधरी के द्वारा सुनील खंडेलवाल को जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया गया।
*देर रात्रि में नैनपुर पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर आश्वासन देकर मामला कराया शांत*
घटना घटित होने के बाद देर रात्रि घटना की जानकारी पुलिस के वरिष्ठ आला अधिकारियों को दी गई एवं जनप्रतिनिधियों से अवगत कराया गया जहां देर रात्रि पुलिस के द्वारा कहा गया कि सुबह 10:00 बजे आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक के खिलाफ नोटिस जारी कर कार्यवाही की जाएगी लेकिन कोई कार्यवाही पुलिस के द्वारा नहीं की गई।
*सुबह होते ही पुलिस ने बदला अपना रूप*
नैनपुर पुलिस के द्वारा आरक्षक रंजीत एवं प्रधान आरक्षक ओंकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद उलटा अब पुलिस सुनील खंडेलवाल एवं पुत्र के खिलाफ एसटी एससी एक्ट के अंतर्गत f.i.r. करने की बात कर रही है इससे स्पष्ट होता है कि नशे की हालत में पुलिस कर्मियों के द्वारा आम आदमी के साथ बर्बरता करना और पुलिस के द्वारा ही अपने स्टाफ को बचाना यह कार्रवाई पर अब जनता प्रश्नचिन्ह लगा रही है अब देखना होगा कि अग्रिम कार्यवाही किस प्रकार होगी!