रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। भाजपा महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष श्रीमति माया नारोलिया के बेटे और भाजपा नर्मदापुर मंडल अध्यक्ष विकास नारोलिया पर उनके ही परिवार की बेटियों ने अपने मामा की 5 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगाकर थाने में शिकायत करते हुए उन्हें कटघरे में खड़ा कर दिया है। मंडल अध्यक्ष पर धमकाने का भी मामा की बेटियों ने आरोप लगाया है। यह जमीनी विवाद का मामला माखननगर थाने पहुंच गया। इधर मंडल अध्यक्ष विकास नारोलिया ने आरोपों को गलत बताया है। उनकी राजनीति छवि धूमिल करने के चलते आरोप लगाए जिससे मामला हाईलाइट हो जाए।
यह है मामला –
चीलाचन निवासी वीरेंद्र कुमार अपनी पुत्री विजयलक्ष्मी और रिंकी के साथ तहसील कार्यालय और माखन नगर थाने पहुंचीं और लिखित आवेदन दिया। दोनों ने आरोप लगाया कि खसरा 158/4 रकबा 1.157 हेक्टेयर और खसरा नंबर 157/3 रकबा 1.051 हेक्टेयर हमारे पिता वीरेंद्र सिंह जाट के नाम दर्ज है। वहीं खसरा नंबर 86 / 3, 93 / 3 रकबा 1.505 हेक्टेयर भूमि दादा शंभूदयाल के नाम से दर्ज है। विकास नारोलिया पिछले 8 वर्षों से उनके पिताजी की जमीन पर कब्जा किए हैं। न जमीन खोट पर बेचने देते हैं और न खेती करने देते हैं। हमें गुंडे लाकर धमकाते हैं और जान से मारने की धमकी देते हैं।
पीड़िता महिला ने बताया तहसील और थाने में दी धमकी –
पीड़िता महिला विजयलक्ष्मी और रिंकी ने कहा कि हम पिता के साथ शिकायत करने माखननगर थाने और तहसील कार्यालय पहुंचे तो बुआ के बेटे विकास नारोलिया ने साथियों के साथ तहसील कार्यालय में सबके सामने धमकी दी। विकास ने हमारे पिता से अडीबाजी कर रुपए ऐंठें और जेल भिजवाने की धमकी देते हैं। उनका आरोप है कि राजनीतिक होने से अधिकारी हमें सहयोग नहीं दे रहे हैं। हम तहसील में आवेदन देने बैठे थे तो विकास नारोलिया ने आकर कहा कि राजनीतिक पकड़ वाला व्यक्ति हूं। मेरी मां महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष हैं। हमारी इच्छा के बिना तहसीलदार और टीआई कोई काम नहीं कर सकता। कोई आवेदन लगाया तो अंजाम सबको भुगतना पड़ेगा। दोबारा तहसील में नजर आए तो गाड़ी से उड़वा देंगे।
प्रवीण कुमरे, थाना प्रभारी का
कहना है –
पारिवारिक विवाद है। पहले ये जांच का विषय है कि ये भूमि इनके नाम पर आई कैसे। तहसील में बहनों ने भाई से हिस्से का आवेदन लगाया है। जांच के बाद ही निर्णय आने पर कार्रवाई की जाएगी।
विकास नारोलिया, महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष के बेटे और मंडल अध्यक्ष –
वीरेंद्र ठाकुर की बहनों (मेरी मौसियां) ने अपने हक के लिए कोर्ट की शरण ली है। उक्त जमीन का प्रकरण विचाराधीन है। सोमवार सुबह हमने माखननगर थाने में वीरेंद्र ठाकुर, उनकी पुत्री, दामाद और असामाजिक तत्वों के खिलाफ अपनी खेती करने से रोकने एवं जान को खतरे की शिकायत की है। इससे बचने शाम को वीरेंद्र ठाकुर और उनकी बेटियों ने मेरे खिलाफ झूठा शिकायती पत्र दिया। इस मामले से मेरा कोई लेना देना नहीं है। मैं राजनीति से जुड़ा हूं, इसलिए मेरा नाम जबरन उछाल रहे ताकि मामला हाईलाइट हो जाएं।