रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। शासकीय गृह विज्ञान अग्रणी स्नातकोत्तर महाविद्यालय मे 11 अप्रैल को रामायण, गीता , महाभारत का जनमानस पर प्रभाव शीर्षक पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता जिला विस्तारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अनिल पाटीदार,हिंदी दर्शन विश्लेषक राजेंद्र गिरी , चिकित्सक एवं समाजसेवी डॉ उमेश शेठा, महाविद्यालय के प्राचार्य श्रीमती गरिमामय उपस्थिति प्रदान की।
मां सरस्वती की पूजन एवं दीप प्रज्वलन के पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। स्वागत भाषण में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ कामिनी जैन ने कहा कि गीता, रामायण,महाभारत इन के प्रसंग एवं ज्ञान हमेशा हमारे जीवन में प्रेरणास्पद रहे हैं। आज भी जब हम किसी धार्मिक स्थल पर पहुंचते हैं तो हमें उस युग की अनुभूति होने लगती है। वर्तमान समय में इनके दर्शन एवं चिंतन को आत्मसात करना अति आवश्यक है। हमारे जीवन में नैतिक मूल्यों को प्रतिस्थापित करके में इन ग्रंथों का बड़ा योगदान है । मुख्य वक्ता श्री अनिल पाटीदार ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारी संस्कृति में ज्ञान का आधार गुरु है, जो पीढ़ी अपना इतिहास नहीं जानती वह विकास नहीं कर सकती ।हमें हीनता से ग्रस्त नहीं होना चाहिए ,हमें भगवान श्री राम के चरित्र का अनुसरण करना चाहिए ।राम सा मैत्री भाव, परहित भावना को महत्व देना चाहिए। यदि हमारे जीवन में चरित्र का पतन होता है तो हमारा पतन निश्चित है ।आज की समस्या का हल हम उन स्थितियों को लेकर नहीं कर सकते। हमें पितामह भीष्म से सीखना होगा ,सुदामा सा धर्य अपनाना होगा और अपने शब्दों पर नियंत्रण रखना होगा। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ श्रुति गोखले ने एवं आभार डॉ रामबाबू मेहर ने किया। इस कार्यक्रम में डॉ किरण पगारे, डॉ वर्षा चौधरी डॉ भारती दुबे, डॉ संगीता आहिरवार, डॉ संध्या राय ,डॉ रश्मि श्रीवास्तव, डॉ. पी. आर मानकर, डॉ आरबी शाह, डॉ वैशाली लाल ,डॉ रागिनी सिकरवार, डॉ ए एस खान, डॉ. यषवंत सिंह निंगवाल,डॉ रामबाबू मेहर, डॉ मनीष तिवारी, विजया देवासकर, डॉ. कीर्ति दीक्षित, डॉ. मधु विजय, डॉ नीतू पवार, डॉ रीना मालवीय, कुमारी श्वेता वर्मा, श्रीमती अंकिता तिवारी, श्री देवेंद्र सैनी महाविद्यालय स्टाफ एवं भारी संख्या में छात्राएं उपस्थित रही।