इसका उद्देश्य दुनिया के कई देशों ने मिलकर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और गंभीर एवं अति गंभीर बीमारियों को आम आदमी को सुरक्षित रखने उद्देश्य से 1950 में 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया गया.
शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य होना भी अति आवश्यक है. क्योंकि चिंता और क्रोध शरीर को खोखला बना देता है मानसिक तनाव रहने से शरीर कभी भी स्वस्थ नहीं रह सकता. स्वस्थ रहने के लिए हमें संतुलित भोजन. पर्याप्त मात्रा में नींद. सुबह जल्दी उठना और रात को जल्दी सोना चाहिए. घर से काम में निकलने से पहले सुबह का नाश्ता पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए योग्य एवं एक्सरसाइज को नियमित करना चाहिए शारीरिक क्षमता काम करने। उत्साह. स्वस्थ व्यक्ति के पहचान है मोटापा बीमारियों का घर है अतः अपना वजन संतुलित अवश्य रखें. जरूरत के अनुसार डॉक्टर से अपना चेकअप अवश्य करें. बुजुर्गों का सेवा अवश्य करें. बच्चों में संपूर्ण टीकाकरण कराएं कुपोषण एवं एनीमिया से ग्रसित बच्चों का विशेष ध्यान रखें. समय-समय पर डिवर्मिंग जरूर कराएं. बच्चियों में कैंसर को रोकने के लिए वैक्सीन अवश्य लगाएं . चीनी युक्त पेय के बजाय सादा पानी अधिक से अधिक पिये. कोल्ड ड्रिंक जंक फूड को अवॉइड करें. बीड़ी तंबाकू सिगरेट खैनी गुटखा को हाथ न लगाएं किसी भी प्रकार का नशा का सेवन ना करें अपने भोजन में नमक एवं सोडियम की मात्रा कम करें नानी की जगह ज्यादा मात्रा में शाकाहारी एवं सब्जी एवं फल का इस्तेमाल करें. प्रतिदिन मॉर्निंग वॉक करें जिससे आपका दिल फेफड़ा मजबूत रहेगी. किसी व्यक्ति को शुगर या बीपी होने पर डॉक्टर के बताए अनुसार ही दवा का सेवन करें. चिंता चिता का दूसरा रूप है अतः हमें मन एवं तन को स्वस्थ रखते हुए हम अपने समाज एवं अपने देश को स्वस्थ रख सकते हैं. गर्भवती महिलाओं को समय-समय पर अपनी जांच एवं इलाज अवश्य कराते रहना चाहिए.
फल एवं सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर के इस्तेमाल करें क्योंकि इसमें पेस्टिसाइड होने की संभावना बढ़ जाती है जो हमारे लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक है. हमारा उद्देश्य है कि दुनिया में सभी प्रकार के रोगों को कंट्रोल कर सके और स्वास्थ्य समाज को जन्म दे सके वायु प्रदूषण को रोके ज्यादा ज्यादा पेड़ लगाएं नियमित रूप से अपनी जांच कराते रहें और एक स्वस्थ समाज को जन्म दे सके
डॉ आर आर कुर्रे पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर
नरसिंहपुर से अंकित नेमा की रिपोर्ट