रिपोर्टर मुकेश चतुरवेदी
माननीय न्यायालय श्रीमान् नौशीन खान, अनन्य विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012), जिला रायसेन द्वारा निर्णय पारित करते हुए महिला थाना जिला रायसेन अपराध क्रमांक 10/22 प्रकरण क्रमांक SC/20/2022 धारा 3/4, 5एल/6, 5एन/6, 5(जे)(ii)/6 लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में आरोपी वीरेन्द्र सिंह जाटव पिता टीकाराम आयु 42 वर्ष निवासी- ग्राम थानागांव थाना उमरावगंज जिला रायसेन म.प्र. को दोषी पाते हुये 20-20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 8000/- रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया । उक्त प्रकरण शासन के द्वारा चिन्हित एवं जघन्य सनसनीखेज प्रकरण था।
इस मामले में मध्य प्रदेश राज्य की ओर से श्री अनिल मिश्रा जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला रायसेन एवं श्रीमती किरण नंद किशोर सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला रायसेन द्वारा पैरवी की गई।
अभियोजन की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि पीडिता जिसकी आयु 13 वर्ष है के माता-पिता दोनों रोज मजदूरी का काम करने जाते हैं। लगभग साढे तीन महीने पहले पीडिता उसकी बडी मौसी दादी के घर गई थी। उसी समय दिन के लगभग 2:30 बजे बड़ी मौसी दादी का बेटा आरोपी वीरेंद्र जाटव जो रिश्ते में उसको बडे पापा हैं उन्होंने उसका मुंह दबाया और उसका हाथ पकड़कर जबरदस्ती उसे अपने घर के कमरे के अंदर लेकर गया और कमरा बंद कर जबरदसती उसके साथ बलात्कार किया। उसके बाद दोबारा 4-5 दिन बाद वीरेन्द्रं जाटव ने उसे घर के बिजली का बिल ले जाने के बहाने बुलाया और दोबारा उसके साथ बलात्कार किया और उसे यह बात किसी को बताने पर उसके भाई को जान से मारने की धमकी दी। डर के कारण उसने यह बात किसी को नहीं बताई। जब उसकी गर्भवती होने पर उसकी तबियत खराब होने लगी तब उसने अपनी मम्मी को पूरी बात बताई। तब उसकी मम्मी ने उसके पापा को पूरी घटना बताई जिसके पश्चात अभियोक्त्री ने अपने माता-पिता के साथ महिला थाना जिला रायसेन में रिपोर्ट की।
आरोपी के विरुद्ध महिला थाना रायसेन में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान घटना का नक्शार मौका बनाया गया, साक्षीगण के कथन लिये गए। अभिभावक की सहमति से उसका मेडीकल परीक्षण कराया गया। अभियोक्त्री के कथनों के आधार पर अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया एवं अन्य अनुसंधान किया गया। बाद अनुसंधान आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जिस पर बाद विवेचना साक्षियों के कथनों के आधार पर एवं चिकित्सक एवं अनुसंधानकर्ता द्वारा घटना की पुष्टि होने पर माननीय न्यायालय द्वारा सभी साक्षियों के बयान एवं न्यायदृष्टांतों के आलोक में एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को नाबालिग के साथ दुष्कृर्म करने का दोषी मानते हुये धारा 3/4, 5एल/6, 5एन/6, 5(जे)(ii)/6 लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अंतर्गत 20-20 वर्ष कारावास से दंडित किया गया । प्रकरण का आरोपी विचारण के दौरान जेल में अवरूद्ध रहा।
श्रीमती शारदा शाक्य
मीडिया प्रभारी
जिला रायसेन म0प्र0