सिलौंडी क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम दशरमन में लोधी समाज ने रविवार को रानी अवंती बाई की प्रतिमा पर पुष्प माला अर्पित कर प्रतिमा स्थापित की गई एवं उनके बलिदान को स्मरण करते हुए उनकी वीरता को नमन किया गया। प्रतिमा स्थापित एवं पंडाल में तकरीबन चार हजार महिला शक्ति व पुरुष वर्ग की मौजूदगी रही है। साध्वी सुश्री राधिका जी ने बताया कि अमर शहीद वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी 16 अगस्त 1861 को लोधी क्षत्रीय वंश में जन्मी थी । अमर शहीद वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी वर्तमान मध्य प्रदेश के सिवनी जिला मनकेहड़ी के जागीरदार झुझार सिंह की पुत्री का विवाह रामगढ़ मण्डला के राजा विक्रमाजीत सिंह से हुआ। राजा विक्रमाजीत सिंह के निधन के समय उनके दोनों पुत्र अमर सिंह एवं शेर सिंह नाबालिक थे। अत: रानी ने राजकाज संभाला। राजकाज संभालते हुए 1857 के ऐतिहासिक प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों से डटकर मुकाबला किया तथा कई बार उन्हें परास्त किया। अंत में अंग्रेज कैप्टन वाडिगटन ने देश के गद्दारों के साथ मिलकर रानी को चारों ओर से घेर लिया, लेकिन रानी ने बंदी बनने के बजाए 20 मार्च 1858 को कटार से देशहित में आत्म बलिदान कर दिया और अमरता को प्राप्त हो गई। मुख्य अतिथि बड़वारा विधायक विजय राघवेंद्र सिंह ,शंकर महतो,पूर्व मंत्री कौशल्या गौंटिया, जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय ,अजय गौंटिया, प्रिया सिंह , सुधा सिंह ,पियुष सिंह ठाकुर बंशज, आर.के.पटले,बिहारी पटेल ब्रजलाल पटेल, छेदीलाल पटेल, नारायण पटेल, रूप किशोर,राजू पटेल,लाडले पटेल, राममिलन जयकरण पटेल,अजय पटेल, दामोदर पटेल, मनोहर पटेल, अशोक पटेल अन्य अधिक संख्या में मौजूदगी रही है।