रिपोर्टर मुकेश चतुर्वेदी
अभियोजन की ओर से पैरवी शासकीय अपर लोक अभियोजक डाक्टर अखिलेश लाहौरी द्वारा की गई
गंजबासौदा- दिनांक 04.05.2019 को फरियादी शैलेन्द्र दांगी उसके दोस्त अंकित पंथी, अभिषेक रघुवंशी, अंशुल शर्मा के साथ सिरोंज रोड पर बॉम्बे बिलास ढाबे पर खाना खाने गया था, रात करीब 09:30 बजे वे लोग खाना खा रहे थे, तभी राजौदा रोड के छोटू उर्फ संजीव बघेल उसके दोस्त शुभम रह वंशी और रोशन राजपूत के साथ स्कूटी पर आये और स्कूटी से उतरकर उन लोगों की टेबल के पास आ गये और कहने लगे कि घूरकर क्यों देख रहे हो । इसी बात पर से झगड़ा होकर मारपीट होने लगी। शैलेन्द्र के माथे पर शुभम ने पत्थर मारा खून निकलने लगा, अंशुल शर्मा, अंकित पंथी और अभिषेक रघुवंशी शैलेन्द्र को लेकर अस्पताल के पास रामू पाल के मेडिकल स्टोर पर इलाज कराने लगे तभी छोटू उर्फ संजीव बघेल स्कूटी पर रोशन और शुभम को बैठाकर आ गया और स्कूटी को खड़ा करके छोटू उर्फ संजीव ने कमर के पास से कट्टा निकालकर जान से मारने की नियत से अंशुल शर्मा के सीने में गोली मार दी। शुभम उसके बाल पकड़कर मारने चेंट गया, रोशन अंकित पंथी की चाकू से मारपीट करने लगा। वहां पर खड़े राहुल बघेल, संजय गुप्ता, सचिन नामदेव तथा रामू पाल ने घटना देखी, फिर वह लोग वहां से भाग गये। उक्त देहाती नालसी अपराध क्रमांक 0/19 अंतर्गत धारा 302, 323, 34 भा.दं.वि. पर लेखबद्ध की गई तथा असल अपराध कमांक 157 / 2019 अंतर्गत धारा 302, 323, 34 भा.दं.वि. पर पंजीबद्ध की गई, आरोपीगण की गिरफतारी की गई, एक अभियुक्त छोटू उर्फ संजीव बघेल अपचारी बालक होने से उसके विरूद्ध किशार न्याय बोर्ड, विदिशा में मामला अग्रसर हुआ तथा शेष अभियुक्तगण के विरूद्ध श्री डी.एस. परमार, तृतीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, बासौदा के न्यायालय में मामला अग्रसर हुआ। न्यायालय में आई साक्ष्य एवं तथ्यों के आधार पर तृतीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, गंजबासौदा, श्री डी.एस. परमार के समक्ष आहत शैलेन्द्र रघुवंशी के संबंध में मारपीट, आहत अंकित पंथी के संबंध में हत्या का प्रयत्न तथा मृतक अंशुल शर्मा की हत्या का मामला पाया गया, अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय अपर लोक अभियोजक डॉ. अखिलेश लाहौरी के तर्कों व साक्ष्यों से सहमत होते हुये अभियुक्त रोशन राजपूत को धारा 307, 323/34, 302/34 भा.दं.वि. में कमशः 05 वर्ष सश्रम कारावास 5000 /- रूपये जुर्माना, 03 माह सश्रम कारावास एवं 500 रूपये जुर्माना एवं आजीवन कारावास एवं 10,000 /- रूपये जुर्माना से दण्डित किया गया तथा अभियुक्त शुभम रघुवंशी को धारा 307/34, 323, 302/34 भा.दं.वि. में कमशः 05 वर्ष सश्रम कारावास 5000/- रूपये जुर्माना, 03 माह सश्रम कारावास एवं 500 रूपये जुर्माना एवं आजीवन कारावास एवं 10,000 /- रूपये जुर्माना से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड की राशि अदा न करने पर 02 वर्ष का सश्रम कारावास भुगताये जाने का निर्णय दिया गया है। अभियोजन की ओर से पैरवी शासकीय अपर लोक अभियोजक डॉ. अखिलेश लाहौरी द्वारा की गई।