सीमा कैथवास की रिपोर्ट
नर्मदापुरम। रजक समाज नर्मदापुरम द्वारा स्वच्छता के जनक संत गाड़गे बाबा का जन्मोत्सव कार्यक्रम रविवार को सर्किट हॉउस स्थित परमहंस घाट के पास बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर भंडारे का आयोजन भी हुआ एवं रजक समाज के बुजुर्गों एवं प्रतिभाओं का सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संत गाडगे बाबा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित और माल्यार्पण के साथ हुई। रजक समाज नगर अध्यक्ष मनीष परदेशी ने बताया कि कार्यक्रम में अतिथि के रूप में जिलाध्यक्ष महेश बाथरे , समाज के वरिष्ठ लीलाधर मनवारे , मथुरा प्रसाद रजक , विजया कदम , दीपक बनोरिया , नंदलाल भगोरिया , सूरज मालवीय , डॉ. वर्मा , भोलाराम बनोरिया उपस्थित थे। कार्यक्रम में सभी अतिथियों ने मंच से एक स्वर में समाज को संगठित रहने की बात कही एवं संत गाडगे के विचारों पर चलकर बाबा के जीवन में किए गए कार्यों को अपने व्यक्तित्व में उतारने की बात भी कही। इस दौरान सभी सामाजिक सदस्यों ने समाज में फैली व्याप्त कुरीतियों को मिटाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर कैलाश कनौजिया , वीरेंद्र तिलोटिया , रामगोपाल मालवीय , अमित मालवीय , चंद्रभान कन्नौजिया , कमलेश बाथरे , कैलाश भगोरिया , रामजीवन अहीरे , शंकर परदेशी , अनिल बनोरिया , दुर्गेश सोनिया , दीपक कन्नौजिया , लल्लू मालवीय , भूपेंद्र वर्मा , शुभम मालवीय , वीरेंद्र मालवीय , प्रशांत कन्नौजिया , विनोद कन्नौजिया , संतोष भारके , सहित अन्य सामाजिक पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन नगर अध्यक्ष मनीष परदेशी द्वारा किया गया एवं आभार रामगोपाल मालवीय ने व्यक्त किया। कार्यक्रम के बाद सभी समाजजनों ने कार्यक्रम स्थल पर स्वच्छता अभियान चलाया।
इनका हुआ सम्मान –
रजक समाज की प्रतिभाओं का कार्यक्रम के दौरान सम्मान किया गया। कुश्ती में गोल्ड मेडलिस्ट भारती भारके , शॉटगन की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शैफाली रजक , प्रीति रजक , डांस इंडिया डांस में जाने वाले वीरेंद्र मालवीय , मीडिया के क्षेत्र दीपेश सोनिया , राजेंद्र मालवीय , समाजसेवी सोनिका कन्नौजिया , तैराकी में गोल्ड जीतने वाले यश बाथरे सहित अन्य युवाओं का सम्मान किया गया। इसके साथ ही समाज के सेवानिवृत्त हुए वरिष्ठ लोगों का सम्मान भी किया गया। समाज के वरिष्ठ बाबूलाल चौहान , रमेश कन्नौजिया , रतनलाल कन्नौजिया , सुरेश परदेशी , चंदूलाल परदेशी , मुन्नालाल रजक , जमनाप्रसाद परदेशी सहित अन्य का सम्मान शाल और श्रीफल से किया गया।