कटनी ( 15 फरवरी )- जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने के उद्देश्य से कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा प्रसव के रेफरल प्रकरणों की हर दिन शाम को समीक्षा का सिलसिला जारी है।
कलेक्टर श्री प्रसाद ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया है, कि सभी गर्भवती महिलाओं को गुणवत्ता से ए.एन.सी. सेवाएं एवं प्रसव के प्रोटोकॉल के तहत हर संभव स्वास्थ्य सुविधा प्रदान किया जाना सुनिश्चित हो। कलेक्टर श्री प्रसाद ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की, की अधिकांश गर्भवती महिलाओं की ए.एन.सी. के दौरान मात्र 2 जांचें ही ए.एन.एम. द्वारा कराई गई। जबकि नियमानुसार 4 जांचें कराई जानी थी। इस दौरान तीन ए.एन.एम. की रेफरल प्रकरणों की समीक्षा पर पाया गया कि 2 मामलों में एनीमिक एवं 6 माह से रक्त स्त्राव होने से महिला के हाईरिस्क में होने के बाद भी ए.एन.सी. के दौरान मात्र दो ही जांच की गई। कलेक्टर श्री प्रसाद ने कहा कि किसी भी हाल में इस प्रकार की गंभीर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मामलों में कोताही बरतने वाली तीनों ए.एन.एम. को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए।
तीन ए.एन.एम. को नोटिस जारी
कलेक्टर श्री प्रसाद के निर्देश के बाद सी.एम.एच.ओ. डॉक्टर प्रदीप मुडि़या ने प्रसव के रेफरल के 3 प्रकरणों में लापरवाही बरतने पर तीन ए.एन.एम. को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इनमें उप स्वास्थ्य केंद्र कैलवारा खुर्द की ए.एन.एम. रानी वर्मा, उपस्वास्थ्य केंद्र पाली की ए.एन.एम. कौशल्या सिंह और उपस्वास्थ्य केंद्र बरही की ए.एन.एम. अलका पांडे शामिल है। इन तीनों ए.एन.एम. द्वारा गर्भवती महिला की ए.एन.सी. के दौरान केवल दो ही जांचें की गई है। इनके इस कृत्य को लापरवाही मानते हुए दो दिवस के भीतर स्पष्टीकरण का जवाब मांगा गया है। जवाब संतोषप्रद न होने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।