ख़्वाजा गरीब नवाज़ की छटी शरीफ के मौके पर कटनी जिले के रीठी में बड़ी ही शिरकत, के साथ अंजुमन इस्लामिया कमेटी रीठी की जानिब से चादर जुलूस निकाला गया।
जो अजमेर शरीफ में ख़्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह पर पेश की जायेगी चादर ।
कव्वाली के साथ चादर जुलूस जामा
मस्जिद गस्त करते हुए मेन बाजार से होकर बैंक तक पहुंचा तथा वापस चादर जलूस गस्त करते हुए मस्जिद में पहुंचकर फातिहा की और तबर्रुक बाटी गई ।
जामा मस्जिद रीठी सदर नदीमअहमद
ने बताया कि इस्लामी कैलेंडर के अनुसार रजब महीने की पहली से छठी तारीख तक गरीब नवाज का उर्स मनाया जाता है। हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्ला अलैह प्रसिद्ध सूफी संत थे। उन्होंने 12वीं शता में अजमेर में चिश्ती पंथ की शुरूआत की थी ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का जन्म ईरान में साल 1141 में हुआ था। बचपन से ही उनका मन सांसारिक चीजों में नहीं लगता था। वह परिवार से अलग हट कर रूहानी दुनियां से जुड़े रहते थे। वह मानव जगत की सेवा को ही अपने जीवन का एकमात्र धर्म मानते थे। 50 वर्ष की आयु में ही ख्वाजा भारत आ गए। यहां उनका मन अजमेर में ऐसा रमा कि वे फिर यहीं के होकर रह गए और यहीं पर भक्तों की सेवा में लग गए। वह खुदा से भक्तों का दुःख-दर्द दूर कर उनके जीवन को खुशियों से भरने की दुआ मांगते थे। ख्वाजा बाबा ने अपना पूरा जीवन लोगों की भलाई और खुदा की इबादत में गुजार दिया। इसी वजह से उन्हें गरीब नवाज भी कहा जाता है।
हरिशंकर बेन