गौरझामर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के गौरझामर सेवाकेंद्र पर ब्रह्माकुमारीज के साकार संस्थापक पिताश्री ब्रह्मा बाबा की 54वीं पुण्यतिथि विश्व शांति दिवस के रूप में मनाई गई। इस दौरान सभी भाई बहनों से ब्रह्ममुहूर्त से लेकर रात तक विशेष योग तपस्या कर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
बाबा के जीवन चरित्र को याद करते हुए सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी बहन ने कहा कि ब्रह्मा बाबा ने नारी को शक्ति स्वरूपा का ताज पहनाया। बाबा के महान संकल्पों का ही कमाल है कि आज नारी शक्ति आध्यत्म का संदेश विश्व में फैला रही हैं। संसार परिवर्तन के लिए परमात्मा ने जब इस धरा पर अवतरण लिया तो दादा लेखराज के मनुष्य तन का आधार लिया। उनका कर्तव्य वाचक नाम ब्रह्मा रखा। मानव में दैवी गुणों ,संस्कारों की पुनर्स्थापना के लिए ब्रह्मा को निम्मित बनाया।जिन्होंने अपने कर्मों के द्वारा करके बताया कि कैसे वो देवी दुनिया आने वाली है जहाँ चारों तरफ सुख, शांति, समृद्धि होगी।
*वैराग्य की प्रतिमूर्ति*
उन्होंने कहा कि ब्रह्मा बाबा को जब परमात्म अनुभूति हुई तो संसार से विरक्ति आ गई। परमात्म अनुभूति में न केवल स्वयं को भरपूर किया बल्कि अनेक आत्माओं तक भी पहुँचाया। आज 140 देशों में परमात्म संदेश और शांति की लहर फैल रही है।बसभी धर्मों ,जाति के लोग आत्म शांति की आश पूरी कर रहे हैं। अनेक व्यसनी निर्व्यसनी बन रहे है। जब आध्यत्म की अलख मन में जागती है तो मन और जीवन दोनों शुद्ध हो जाते हैं। ब्रह्मा बाबा ने खुद पीछे रहकर माताओं-बहनों को आगे बढ़ाया।
अंत में सभी ने ब्रह्मा बाबा को स्नेह सुमन अर्पित किए। समापन पर ब्रह्मा भोग का आयोजन किया गया।