जबलपुर के तहसील कार्यालय एवं नगर पालिका परिषद में स्थित सबसे अच्छी और पुरानी रेगुलेटर का आतिस्त्व खतरे में होने पर स्थानीय सामाज के जनप्रतिनिधि व क्षेत्रीय पार्षद श्रीमती ममता गोटियाँ ने जिला प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन से लिखित रूप से आवेदन देकर इसे बचाने की माग की हैं ।
जनप्रतिनिधि व स्थानीय लोगों ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि आजादी के बाद से बने सिहोरा क्षेत्र में बने बाहनाले से लगे हुए रेगुलेटर की स्थापना वर्ष 1965 में देश की हर हरित क्रांति के तहत स्थापित विश्व पटल पर सिहोरा को पहचान देने वाला नाम हैं । पर इस धरोहर को कुछ भूमि माफ़ीयो द्वारा उसके आतिस्त्व को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है । जब हमारे देश की पाठ्य पुस्तकों में इस रेगुलेटर का विवरण प्रस्तुत रहा हैं । लेकिन कुछ लोगों ने अपने स्वार्थ हीत को लेकर इसे समाप्त करने के प्रयास कर रही हैं ।
इस समस्या के समाधान एवं भूमि नक्शे में दर्ज रहने के बाद भी भूमि माफीयो ने मुरुम डालकर रातों रात कार्य करने को लेकर जिला कलेक्टर के नाम स्थानीय प्रशासन को सामाज के सदस्य एवं जनप्रतिनिधियों ने इसकी शिकायत देकर सुरक्षा की माग रखी है ।
अब ये देखना है कि इस समस्या को लेकर स्थानीय प्रशासन क्या कार्यवाही कर्ता है और जाँच करने के लिए निर्देश कब जारी होगा ये तो समय आने पर ही पता चल सकेगा ।
जनप्रतिनिधियों ने स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि एक सप्ताह के अन्दर अगर रेगुलेयर की जगह मुक्त नहीं कराई तो हम सभी उग्र आन्दोलन करने बाध्य होगे जिस जवाबदेही प्रशासन की होगी ।
आवेदन पत्र देते हुए-
काग्रेस की वार्ड पार्षद श्रीमती ममता गोटियाँ, काग्रेस कार्यकर्ता जिला अध्यक्ष श्रीमती अलका डेगरे,ब्लाक अध्यक्ष प्रवीण पाठक,पूर्व ब्लाक अध्यक्ष बाबा कुरेसी, राजेश चौबे युवा काग्रेस एवं वार्ड पार्षद,पूर्व पार्षद शंकर बंशकार,पूर्व पार्षद गणेश दाहिया के साथ साथ स्थानीय सामाज के सदस्य व स्थानीय महिलाये उपस्थित रही ।