कटनी (14 दिसम्बर)- किसानों से सुव्यवस्थित धान उपार्जन सुनिश्चित करने हेतु कलेक्टर अवि प्रसाद ने खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 मे प्रत्येक खरीदी केन्द्र के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। नोडल अधिकारियों को उपार्जन केन्द्रों मंे मौजूद रहने और समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन में किसानों को असुविधा या दिक्कत न होने वाली व्यवस्था जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप सुनिश्चित करने हिदायत दी गई है।
कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा जारी निर्देशों मे सभी एस.डी.एम , उपसंचालक कृषि, सहायक आयुक्त सहकारिता, सभी तहसीलदारों और अधीक्षक भू- अभिलेख को भी निरंतर उपार्जन केन्द्रों के भ्रमण करने की हिदायत दी गई है। कलेक्टर ने जिले के सभी 81 खरीदी केन्द्रो के लिए अलग – अलग नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। नोडल अधिकारियों को उपार्जन केन्द्र की समस्त गतिविधियों के पर्यवेक्षण का दायित्व सौंपा गया है।
कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा दिए गये निर्देश में कहा गया है कि उपार्जन कार्य सोमवार से शुक्रवार तक प्रातः 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक किया जायेगा। जिन कृषकों की उपज की तौल अपरिहार्य कारणोंवश सोमवार से शुक्रवार के बीच निर्धारित दिवस को नही हो सकेगी उनकी तैेल शनिवार को की जायेगी। एफ.ए.क्यू धान ही खरीदी जाए, नान एफ.ए.क्यू धान के बारे मे कृषक को अपग्रेड करने हेतु समझाइश दिया जाए तथा अमान्य उत्पाद का सैम्पल अवश्यक रखा जाए। ई- उपार्जन पोर्टल पर कृषक द्वारा उपज विक्रय हेतु स्लॉट बुकिंग http://mpeuparjan.nic.in/ पर की जा सकेगी। स्लॉट की वैधता अवधि 7 कार्यदिवस होगी।
जरूरी दस्तावेज
कृषकों को उपज विक्रय के समय उपार्जन केन्द्र में चिन्हित दस्तावेजों के साथ आना है, ताकि खरीदी केन्द्र प्रभारी द्वारा मिलान किया जा सके। जैसे ई-के वाय सी हेतु आधार कार्ड की प्रति, सहमति पत्र नामिनी के प्रकरण मे, समग्र सदस्य आई.डी, वनाधिकार पट्टे की प्रति, सिकमीदार किसानों को सिकमी अनुबंध की प्रति, किसान पंजीयन पर्ची का हस्ताक्षरित प्रिंट आउट, खसरे व ऋण पुस्तिका आदि। लेकिन जिन्होने पूर्व में ये दस्तावेज दे दिया है उन्हे देने की जरूरत नही होगी।
सबसे पहले तौल पर्ची
कृषक या नॉमिनी द्वारा समर्थन मूल्य पर विक्रय हेतु लाई गई उपज का केन्द्र पर सर्वप्रथम कृषक तौल पर्ची जारी की जाए। भरती 580 ग्राम स्टेण्डर्ड वजन के नए जूट बोरे मे, 500 ग्राम बोरे के मान से पुराने जूट बोरे मे तथा 135 ग्राम एच डी पी ई वारदाने के मान से भरती की जाए।
इसके अलावा उपार्जन केन्द्र पर स्कंघ के स्टैक नहीं लगाये जाने पर असामयिक वर्षा से स्कंघ के खराब होने का उत्तरदायित्व उपार्जन समिति का होगा। ई- उपार्जन पोर्टल पर उपार्जन केन्द्र के लागिन से खरीदी की प्रविष्टि के समय विक्रेता कृषक, नॉमिनी एवं उपार्जन केन्द्र के प्रभारी के आधार, ई- के.वाय.सी सत्यापन के उपरांत ही स्कंध की खरीदी की मात्रा की प्रविष्टि एवं खरीदी देयक जारी होगा। इसके बाद ही कृषक से उपज की खरीदी मान्य होगी।
प्रत्येक बोरे पर स्टेन्सिल एंव टैग लगाना जरूरी है। वारदाने की सिलाई नीले रंग के धागे से डबल सिलाई की जायेगी।