प्रदीप गुप्ता/नर्मदापुरम/ग्रामसभा पेसा एक्ट से मिले अधिकारों का प्रभावी ढंग से उपयोग कर गांव का उत्थान करें। पेसा अधिनियम के क्रियान्वयन में प्रत्येक ग्रामीण सक्रिय सहभागी बने। यह बात कमिश्नर श्रीमन् शुक्ला ने आज जनजातीय ब्लॉक केसला के ग्राम मोरपानी में आयोजित विशेष ग्रामसभा में जनजातीय समुदाय से कहीं। उन्होंने ग्रामीणों से आत्मीय संवाद कर उन्हे पेसा एक्ट से मिले अधिकारों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने जल, जंगल और जमीन के अधिकार और ग्रामसभा के महत्व के बारे में ग्रामसभा को विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधिक्षक डॉ गुरकरण सिंह , डीएफओ डी के वासनिक, जिला पंचायत सीईओ एसएस रावत ने भी जनजातीय वर्ग को पैसा एक्ट के प्रति जागरूक किया। उल्लेखनीय है कि पेसा एक्ट अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए नर्मदापुरम जिले में 23 नवंबर से 03 दिसंबर 2022 तक जनजातीय बाहुल्य विकासखंड केसला की समस्त 52 पंचायतों के 122 गांव में पेसाएक्ट विशेष ग्रामसभा का आयोजन किया जा रहा है।
*गांव के विकास में सभी की सहभागिता महत्वपूर्ण*
कमिश्नर श्री शुक्ला ने ग्रामसभा से संवाद करते हुए कहा कि पेसा एक्ट के नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए ग्राम के सभी वयस्क लोगो की सहभागिता महत्वपूर्ण है। सभी ग्रामीण ग्रामसभा में सक्रिय सहभागी बन अपने गांव के विकास की रूपरेखा तैयार करें। एक्ट के तहत गांव की समस्या का गांव में ही निराकरण हो सकेगा। उन्होंने बताया कि लघु वनोपजो, तेंदूपत्ता संग्रहण और विपणन के अधिकार भी अधिनियम के तहत दिए गए हैं। जिसके लिए ग्राम सभा को 15 दिसंबर तक सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करना होगा। इसके लिए वन विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा निरंतर मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। ग्रामसभा में कमिश्नर ने ग्रामीणों की समस्याओं को सुन उनका त्वरित निराकरण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
*गांव से पलायन और मजदूरों के शोषण को रोकने का अधिकार ग्राम सभा के पास*
कलेक्टर श्री सिंह ने ग्रामसभा को संबोधित करते हुए बताया कि पैसा अधिनियम ने तहत राजस्व अभिलेखों की त्रुटियों के सुधार की अनुशंसा का अधिकार ग्राम सभा का होगा। भू- अर्जन, खनिज सर्वे, पट्टा और नीलामी के लिए भी ग्रामसभा की सहमति और अनुशंसा जरूरी होगी। उन्होंने सरल उदाहरण देते हुए ग्राम सभा को तालाबों के प्रबंधन, तेंदूपत्ता संग्रहण एवं विपणन, आपसी छोटे विवादों के निराकरण के संबंध में प्राप्त अधिकारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि ग्राम से मजदूरों को बाहर ले जाना हो तो पहले ग्राम सभा को जानकारी देनी होगी। गाँव में बाहर से आने वाले व्यक्ति की जानकारी भी ग्राम सभा को देनी होगी। जिनकी जानकारी रजिस्टर में संधारित की जाएगी। गांव से पलायन और मजदूरों के शोषण को रोकने का अधिकार भी ग्राम सभा के पास होगा। मनरेगा के माध्यम से कब और कौन सा कार्य कराया जाना है यह सब ग्राम सभा ही प्रस्ताव बनाएगी। कलेक्टर श्री सिंह अधिकारों के बारे में भी जानकारी ग्रामीणों को दी।
*आपसी विवाद सुलझाने का अधिकार भी ग्रामसभा का होगा*
पुलिस अधीक्षक डॉ सिंह ने बताया कि पैसा एक्ट से मिले अधिकारों के तहत अब छोटे आपसी विवादों को सुलझाने का अधिकार ग्राम सभा का होगा। एक तिहाई महिला सदस्यों के साथ शांति एवं विवाद निवारण समिति, यह समिति परम्परागत तरीके से विवाद निपटारा करने में सक्षम होगी। गंभीर प्रकृति के अपराधो में भी एफआईआर होने पर सूचना ग्राम सभा को दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जनजाति क्षेत्रों में लायसेंसधारी साहूकार ही निर्धारित ब्याज दर पर पैसा उधार दे सकेंगे। इसकी जानकारी भी ग्रामसभा को देना होगी। साहूकार द्वारा अधिक ब्याज नहीं लिया जाएगा। अधिक ब्याज लेने पर संबंधित पर कार्यवाही की जायेगी।
*अमृता बाई का फसा पैसा वापस दिलवाने के निर्देश थाना प्रभारी को दिए*
ग्राम सभा में मोरपानी निवासी अमृता बाई ने बताया कि उनकी पति की मृत्यु के बाद सेंट्रल बैंक इटारसी में बार बार जाने के बाद भी 10 हजार रुपए की राशि नहीं मिला पा रही हैं। जिस पर पुलिस अधिकारी डॉ सिंह ने थाना प्रभारी केसला को अमृता बाई का फसा पैसा शीघ्र वापस दिलवाने के निर्देश दिए। ग्राम सभा में तहसीलदार इटारसी राजीव कहार , नायाब तहसीलदार दीप्ति चौधरी सहित अन्य अधिकारी एवं ग्रामीण उपस्थित रहें।