प्रदीप गुप्ता/ नर्मदापुरम/ आदमगढ़ निवासी उमेश कहार ने अपनी बेटी विशाखा कहार उम्र 25 वर्ष की मृत्यु के संबंध में न्याय के लिए आज पुलिस महानिरीक्षक , पुलिस अधीक्षक एवं कलेक्टर के नाम एक आवेदन दिया एवं बताया कि मेरी बेटी भोपाल के नर्मदा हॉस्पिटल में स्टाफ नर्स के पद पर 2 साल से कार्यरत थी। 19 नवंबर को मेरे पास भोपाल नर्मदा अस्पताल से फोन आया और जानकारी दी कि आपकी बेटी को काफी तेज पेट दर्द है। आप तत्काल आ जाओ तो हम बस से रात्रि 1:00 बजे भोपाल पहुंचे वहां पहुंचकर देखा कि मेरी बेटी विशाखा मृत पाई गईं। जब मैं भोपाल के लिए बस से निकला तो मैंने भोपाल में अपने साले से राजकुमार नाविक से अस्पताल पहुंचने को कहा मेरे पहुंचने से वह करीब 1 घंटे पहले अस्पताल पहुंच गया था उस दौरान उसने बताया कि मेरी बेटी मृत अवस्था में थी और मर्चुरी में पड़ी थी। उसे यह जानकारी दी कि मेरी बेटी ने कोई इंजेक्शन अपने हाथों से लगा लिया था एवं रात में 1:30 के करीब पोस्टमार्टम के लिए हमीदिया ऑस्पिटल भेजा गया। जहां पर 20 नवंबर को दोपहर मेरी बेटी की लाश को 1:30 पर मुझे सौंपा गया। मेरी बेटी की हत्या की गई मेरी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती। हॉस्पिटल में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाए तो हत्या के कारण पता लग सकता है एवं मुझे संदेह है कि हत्या के साक्ष्य को मिटाया भी जा सकता है। इस संबंध में उचित कार्रवाई कर मेरी मृत बेटी की आत्मा को न्याय दिलाया जाए।