प्रदीप गुप्ता/ नर्मदापुरम/ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार दिनांक 12 नंवबर 2022 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है । जिसमें मध्यप्रदेश शासन उर्जा विभाग ने विद्युत अधिनियम के प्रकरणों में राजीनाम पर उपभोक्ताओं को पृथक-पृथक दरों में छूट प्रदान करने की घोषणा की है। विद्युत अधिनियम के प्रकरणों में दी गई छूटों को इस प्रकार समझा जा सकता है।प्रीलिटिगेशन स्तर पर यानी ऐसा मामला जो अभी न्यायालय में दर्ज नहीं हुआ है, उस मामले में आकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छमाही चकवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट की जावेगी। न्यायालयीन लंबित प्रकरणों में कंपनी द्वारा आकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आकलित राशि के भुगतान के चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छमाही चक्रवद्धि दर अनुसार 16 प्रतिति प्रतिवर्श की दर से लगने वाले व्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट की जावेगी। विभाग ने विद्युत के प्रकरणों में निम्न शर्तों पर लोक अदालत के दिन राजीनामा करने पर छूट देने की घोषणा की है । आवेदक को निधारित छूट के उपरांत मोश देय आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता / उपयोगकर्ता का विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उनके नाम पर किसी अन्य संयोजन / संयोजनों के विरुद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई विधिक संयोजन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा विधिक संयोजन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित संयोजनों के विरूद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा। IV. नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी / अनाधिकृत उपयोग पहली बार किए जाने की स्थिति में ही दी जायेगी। विद्युत चोरी / अनाधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत / अदालतों में छूट प्राप्त किए उपभोक्ता / उपयोगकर्ता को छूट प्राप्त नहीं होगी। V. सामान्य विद्युत देयकों के विरुद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जायेगी। यह छूट 12 नवंबर 2022 में आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में समझौता करने के लिए लागू रहेगी। अपराध शमन फीस अधिनियम के प्रावधान अनुसार वसूल की जायेगी।