आज दिनांक 17/10/2022 माननीय न्यायालय श्रीमती पदमा जाटव, 18वें एडीजे, विशेष न्यायालय भोपाल के द्वारा आपराधिक सत्र प्रकरण क्रमांक 312/21 थाना छोलामंदिर, भोपाल के अपराध क्रमांक 608/19 में (आरोपी) सागर मांझी ऊर्फ लल्ला को धारा 341, 376, 376(2)एन, 506 भादवि एवं 5एल/6, पाक्सो एक्ट में शेष प्राकृतिक जीवनकाल तक दोहरा आजीवन कारावास एवं 33500 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्री टी पी गौतम, श्रीमती सरला कहार, श्रीमती मनीषा पटेल, द्वारा की गयी।
घटना का विवरण :-
विशेष लोक अभियोजक मनीषा पटेल ने बताया कि आरोपी सागर ऊर्फ लल्ला को पीडिता जानती है वह उसके जीजा के साथ ट्रक में कंडक्टरी का काम करता था और उसका पीडिता के घर आना जाना था। दिनांक 9/8/19 दिन शुक्रवार को शाम 6/00 बजे करीब जब पीडिता अपने घर पर थी तभी लल्ला ऊर्फ सागर उसके घर आया और आवाज देकर बाहर बुलाया और बोला कि मेरे घर चल मेरी मम्मी तुझे काम से बुला रही है तब पीडिता ने उसके घर जाने से मना कर दिया इसके बाद वह वहां से चला गया । फिर शाम करीब 6/30 बजे जब पीडिता अपनी भाभी के लिए बुखार की दवाई लेने मैडिकल स्टोर जा रही थी और जैसे ही वह, लल्ला ऊर्फ सागर के घर के सामने पहुची तो लल्ला अपने घर से आया ओर उसका रास्ता रोककर पीडिता को अपने घर के अंदर चलने के लिऐ बोला। पीडिता ने मना किया तो आरोपी उसका हाथ पकडकर घर के अंदर ले जाने लगा पीडिता चल्लाई तो उसने उसका का मुंह पकड लिया और बोला कि अगर चिल्लाई तो तेरे मुंह और गले पर आपरेशन ब्लेड मार दूंगा जिससे वह डर गयी। आरोपी पीडिता को जबरदस्ती अपने घर के अंदर कमरे में ले गया उसके साथ दो बार जबरदस्ती बुरा काम किया और धमकी दी थी कि अगर किसी को बताया तो तेरे परिवार का केविन में रहना मुश्किल कर दूंगा और तुझे भी जान से मार दूंगा। जब पीडिता रोती हुयी अपने घर जा रही थी रास्ते में उसे उसकी बडी दीदी मिली जिसे घटना के बारे में सारी बाते बतायी। पीडिता ने डर के कारण रात भर अपने घरवालों को कुछ भी नहीं बताया फिर सुबह अपनी भाभी को उसके साथ लल्ला ऊर्फ सागर के द्वारा बुरे काम करने की पूरी बात बतायी। और अपनी भाभी के साथ थाना छोला मंदिर में रिपोर्ट करने गयी। उक्त सूचना के आधार पर थाना छोला मंदिर में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया, विवेचना पूर्ण होने पर चालान माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। विशेष न्यायालय द्वारा डीएनए रिपोर्ट पॉजीटिव होने एवं अभियोजन साक्ष्य को प्रमाणित पाते हुऐ आरोपी को शेष प्राकृतिक जीवनकाल तक दोहरा आजीवन कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।