प्रदीप गुप्ता/ नर्मदापुरम/आज दिनांक 12.10.2022 को शासकीय गृहविज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय में दादी-नानी की रसोई घर से निकले व्यजनों का मेला आनंद मेला का आयोजन किया गया। मेले की थीम कलेक्टर नीरज कुमार सिंह द्वारा सुझाई गई तथा महाविद्यालय की छात्राओं एवं आदिवासी कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वाधान में मेले का
आयोजन किया गया। आनंद मेले का उद्घाटन प्राचार्य डॉ. श्रीमती कामिनी जैन ने फीता काटकर किया। प्राचार्य डॉ. श्रीमती कामिनी जैन ने बताया कि छात्राओं द्वारा इस मेले में परंपरागत पाक विधियों जैसे भाप में पकाना, भुनना, तलना, सेंकना आदि के बारे में छात्राओं को बताया गया तथा प्राचीन समय में व्यजनों की पौष्टिकता को बढाने हेतु दादी-नानी के द्वारा किस तरह प्रयास कर स्वास्थ्य वर्धक पौष्टिक भोजन परिवार को उपलब्ध कराये जाते थे जैसे पकौड़े में पालक, मैथी, अजवाईन को मिलाकर उसका मूल्य संवर्धन करना भी दादी नानी के ही अनुभव का हिस्सा है ऐसे कई अनुभव छात्राओं के साथ साझा किये। प्राचार्य ने कहा कि मेले के माध्यम से छात्राएँ विक्रय कला, उपभोक्ता व्यवहार भी सीखती है। छात्राओं द्वारा क्षेत्रीय व्यंजन जैसे पंजाबी, गुजराती, दक्षिण भारतीय स्थानीय प्रचलित व्यंजनों के स्टॉल लगाये गये। मेला प्रभारी डॉ. रश्मि श्रीवास्तव ने बताया कि मेले में छात्राओं की दादी नानी के अनुभव साझा करने हेतु उन्हें आमंत्रित किया गया। मेले में छात्राओं ने अपने परिवार की दादी नानी से व्यंजन सीख कर स्टॉल लगाये जिसमें चना मसाला, सत्तू, चीला, मुगोडे, विभिन्न प्रकार के भजिये, पकौडे हलवा, दाल-बाटी चूरमा दही बड़ा पानी पुरी, मेल, मक्के की रोटी, मक्के के पकौडे, मीठी एवं नमकीन सिवईयों आदि अनेक स्वादिष्ट व्यंजनों का प्रदर्शन किया गया। मेला प्रभारी डॉ. रश्मि श्रीवास्तव ने बताया कि नूडल्स एवं मेगी पुरानी सिवईयाँ का परिस्कृत रूप है। छात्राओं ने कहा कि इस तरह के मैले भविष्य में भी लगाये जाये जिससे वे अपनी संस्कृति से जुड़कर परंपरागत व्यंजनों की विधियो के बारे में जान सके और उन व्यंजनों को बनाकर आनंद ले सके। मेले का आनंद शैक्षणिक गैर शैक्षणिक स्टॉफ तथा बड़ी संख्या में छात्राओं द्वारा लिया गया।