प्रदीप गुप्ता/ नर्मदापुरम/ जिला अभियोजन अधिकारी आर.के. खाण्डेगर ने बताया कि दिनांक 14.01.2016 को आरोपी कक्ष क्रमांक 265 मढ़ई बीट पीरिया क्षेत्र में बिना अनुज्ञप्ति के अभियुक्त सुनील मछलियां पकड़ रहा था। आरोपी के पास से महाजाल, लकडी की नाव, टार्च, कुल्हाडी और नाव चलाने के चप्पू तथा 50 किलो मछली और दो कछुए जप्त कर जप्ती पंचनामा बनाया गया। आरोपी के विरूद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 (संशोधित अधिनियम, 2006) की धारा 2(16), 9, 35(8), 39, 50, 51 एवं भारतीय वन्य अधिनियम की धारा 26(1)(आई) के उल्लंघन में वन्य प्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 51(1-सी) के तहत आरोपी सुनील के विरूद्ध अपराध सिद्ध पाये जाने पर न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती रितु वर्मा कटारिया नर्मदापुरम के द्वारा दिनांक 28.09.2022 को आरोपी का विचारण किया गया। न्यायालय के समक्ष विचारण में अभियोजन द्वारा न्यायालय के समक्ष आए तथ्यों से आरोप प्रमाणित किये गये। न्यायालय ने आरोपी को 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 50,000/- रूपये जुर्माने से दण्डित किया। राजेन्द्र खाण्डेगर, जिला अभियोजन अधिकारी के मार्गदर्शन में शासन की ओर से पैरवी अरूण पठारिया, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई।