प्रदीप गुप्ता/ नर्मदापुरम/ सोसायटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर मध्य प्रदेश नर्मदापुरम द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला समन्वयक को एक ज्ञापन दिया। जिसमें बीच सत्र् में लगभग साढ़े 4 माह गुजर जाने के बाद 12 सितंबर को जारी पांचवी आठवीं बोर्ड का राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा दिये गये आदेश के लिए अपना विरोध प्रदर्शन ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम दिया। विस्तृत जानकारी देते हुए जिला अध्यक्ष राजेश दुबे ने बताया कि पांचवी आठवीं बोर्ड के लिए निजी विद्यालयों को शामिल करने का आदेश प्रसारित किया गया है जो कि लगभग साढ़े 4 माह पश्चात दिया जाना अप्रासंगिक है। संगठन द्वारा 14 सितंबर 2022 को राज्य शिक्षा केंद्र सीपीआई प्रमुख सचिव शिक्षा एवं शिक्षा मंत्री भारत सरकार को अपना यह विषय ईमेल के माध्यम से भेजा गया था। जिसमें 1 सप्ताह में इस आदेश के संबंध में पुनर्विचार या स्पष्टीकरण चाहा गया था। जिसे शासन द्वारा आज तक नहीं दिया गया। आज प्रथम विरोध नर्मदापुरम से सोपास संगठन द्वारा प्रस्तुत किया गया है। यह विरोध 52 जिलों से जिला स्तर पर मुख्यमंत्री के नाम दिया जाएगा। इसके बाद अगले चरण में ऐसे गैर प्रासंगिक अन्य आदेशों के संदर्भ में स्पष्टीकरण ना होने पर संगठन आंदोलन करेगा। प्रदेश संगठन मंत्री रविशंकर राजपूत ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत फीस प्रतिपूर्ति के विषय को भी पुनः उठाया। जोकि 2 वर्ष से लंबित हैं और अपने बनाए हुए नियमों से परे जाकर शासन द्वारा संभावित 14 अक्टूबर को वनक्लिक से राशि देने की कोशिश की जायेगी। जो कि शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन है 31 मार्च 2021 को दी जाने वाली राशि 14 अक्टूबर 2022 को संभवतः विद्यालयों तक पहुंचाई जाने की कवायद की जा रही है। जोकि शासन की विपरीत मनसा को दर्शाता है । ज्ञापन देने वालों में संभागीय अध्यक्ष राधारमण मिश्रा, जिला महामंत्री धनीराम, जिला कोषाध्यक्ष मोहनलाल गौर , जिला कार्यकारी अध्यक्ष आलोक राजपूत के साथ जिला कोर कमेटी के सदस्य गौरी शंकर बाजपेई , चरण सिंह, कपिल , संदीप चतुर्वेदी, पुरुषोत्तम दायमा, मुकेश सोना, अभिषेक दुबे, शरद गौर, अशफाक खान, ब्लॉक अध्यक्ष सोहागपुर राजेंद्र तोमर, सिवनी मालवा बाबई ब्लॉक से पदाधिकारी उपस्थित थे।