प्रदीप गुप्ता/ नर्मदापुरम/ अपराध प्रमाणित पाये जाने पर विशेष न्यायालय, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 नर्मदापुरम द्वारा आरोपीगणों को धारा- 376(3) भा.द.वि में 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 2000/- रूपये जुर्माने के दण्ड से न्यायालय द्वारा दण्डित किया गया। जिला अभियोजन अधिकारी आर.के. खाण्डेगर ने बताया कि 15 वर्षीय अवयस्क अभियोक्त्री आरक्षी केन्द्र, पथरौटा अंतगर्त दोपहर 2ः00 बजे घर से गांव में घूमने के लिये निकली थी कि गांव के आरोपी गोलू राजपूत और गुटटा पाल खले के सामने मिले, गोलू राजपूत ने अभियोक्त्री से बोला कि आ चॉकलेट ले जा, मैं उसके पास गई तो दोनों खले के अंदर बने खाली कमरे में ले गये अंदर ले जा कर गुटटा पाल ने बुरी नियत से अभियोक्त्री का सीना दबाया और कमरे के बाहर खड़ा हो गया, कमरे में दरवाजा नही था। तब आरोपी गोलू राजपूत ने जमीन पर धक्का दिया और अभियोक्त्री की मर्जी के खिलाफ (बलात्संग) दुषकर्म किया। विवेचना की कार्यवाही के उपरांत अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायालय, के समक्ष पेश किया गया। शासन की ओर से प्रकरण में गोविंद शाह, उप-संचालक (अभियोजन) के मार्गदर्शन में पैरवी विशेष लोक अभियोजक/जिला अभियोजन अधिकारी आर.के. खाण्डेगर द्वारा की गई। जिसमें विशेष सहयोग अति.जिला अभियोजन अधिकारी लखन सिंह भवेदी का विशेष सहयोग रहा। आरोपी गुट्टा को दोषमुक्त किया है।